आपने अपने जीवन में कई तरह के पशु प्रेमी को देखा होगा। लेकिन आज हम आपको जिनके बारे में बताने वाले हैं उनका पशु-पक्षी प्रेम कुछ अलग ही है जिसे देखकर आप हैरान हो जाएंगे। इतना ही नहीं ये शख्स अभी तक हजारों पशु-पक्षियों की जान बचा चुके हैं।
जिस तरह से बॉलीवुड की फिल्म में एक्टर अक्षय कुमार को पक्षियों के प्रति प्रेम दिखाया गया और उन्हें पक्षीराजन का नाम भी दिया गया। बिल्कुल उसी तरह से ही सामाजिक कार्यकर्मा डॉ. जगदीश मलिक जो कि रोहतक की भरत कॉलोनी में रहते हैं उन्हें भी पक्षीराजन की भूमिका के लिए जाना-जाने लगा है। डॉ.जगदीश साल 2007 से लेकर अभी तक चंडीगढ़,हरियाणा,यूपी और दिल्ली में कई लावारिस पशु-पक्षियों का इलाज खुद से कर चुके हैं।
लावारिस और पीडि़त पशुओं की सेवा करने के लिए उन्होंने पशु सेवा संघ का निर्माण किया है। जगदीश के इस नेक काम के लिए कई सामाजिक संगठन उन्हें सम्मानित भी कर चुके हैं। ऐसा कहा जाता है कि इनको जहां कहीं भी किसी पशु या फिर पक्षी की घायल होने की सूचना मिलती है तो वह मौके पर पहुंचकर उसका तुरंत इलाज कर देते हैं। डॉ. जगदीश ने बताया कि उन्होंने साल 2005 में वेटरनरी का डिप्लोमा किया था। वह अपने एक घर के कमरे में ही पशु और पक्षियों का इलाज करते हैं।
पशु-पक्षी नाम से पुकारते ही आ जाते हैं
जगदीश मलिक ने रोहतक के अलावा भी भिवानी रोड,बहु अकबरपुर खरावड़ा,सनसिटी में तकरीबन दो हजार से ज्यादा लावारिस पशु,गाय,बैल,गधा,बंदर मोर,कबूतर,चिडिय़ा का इलाज किया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने पक्षियों और जानवरों को प्यारा सा नाम भी दिया है। जैसे सविता,बबीता,सोनू,मोनू,कालू आदि।
वह किसी भी जानवर या पक्षी को नाम लेकर पुकारते हैं तो वह तभी उनके पास आ जाते हैं। वहीं ठीक होने के बाद पक्षियों को उड़ा दिया जाता है और वह जानवरों को अपने पास ही रख लेते हैं। बता दें कि जगदीश मलिक ने पशु और पक्षियों की देखभाल के लिए एक वेटनरी सर्जन,पांच असिस्टेंट सर्जन के अलावा 10 अन्य सहायक और कर्मचारियों को रखा हुआ है। वह हर महीने सर्जन 30 हजार और बाकि सहायक को 12 से लेकर 20 हजार रुपए देते हैं।