इस वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 12 अगस्त यानी बुधवार को मनाया जा रहा है। भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जन्माष्टमी का पर्व हर हाल देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण के भक्त व्रत रखते हैं। भक्त पूरी श्रद्धा से श्री कृष्ण के जन्मोत्सव मनाते हैं और उनके आने की पूरी तैयारी करते हैं। अगर आप भगवान कृष्ण का आशीर्वाद कृष्ण जन्माष्टमी में पाना चाहते हैं तो ये शुभ कार्य जरूर करें। इस प्रकार हैं ये उपाय-
कृष्ण भगवान मोरपंख हमेशा से अपने माथे पर लगाते हैं। हालांकि उनके माथे की शोभा को मोरपंख दुगना करता है। उनके शृंगार में भी मोरपंख शामिल रहता है। यही वजह है कि बेहद प्रिय भगवान कृष्ण को मोरपंख हैं और मोरपंख अवश्य जन्माष्टमी के दिन कृष्ण जी को अर्पित किया जाता है।
बांसुरी भी भगवान कृष्ण को बहुत पसंद है। जब भी बांसुरी कृष्ण जी बजाते थे तो गोपियां अपने सभी काम छोड़कर वह धुन सुनने आ जाती थी। बांसुरी के बिना उनका चित्रण अधूरा होता है। श्री कृष्ण को चांदी का बांसुरी जन्माष्टमी के दिन अर्पित करें। साथ ही इस बांसुरी को अपने पर्स या पैसे रखने वाली जगह पर पूजा के बाद रख दें।
ग्वाला भी भगवान कृष्ण को कहते हैं। श्री कृष्ण ने अपने बाल्यावस्था में कई लीलाएं करके गाय और बछड़ो को चराते थे तभी उनको यह नाम मिला था। गाय तथा बछड़े की छोटी सी प्रतिमा अपने घर में जन्माष्टमी के दिन लाएं। ऐसा करने से पैसों से जुड़ी समस्याएं आपकी दूर हो जाएंगी साथ ही आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी।
भगवान श्री कृष्ण को जन्माष्टमी के दिन 56 भोग पकवान चढ़ाएं। मान्यताओं के मुताबिक भगवान 56 भोग से प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मुरादें पूर्ण करते हैं।
बता दें कि परिजात का पुष्प भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी को बहुत पसंद है और विष्णु जी का अवतार ही कृष्ण भगवान हैं। जन्माष्टमी के दिन परिजात के फूल पूजा में जरूर रखें।
भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा जन्माष्टमी पर होती है। भगवान श्रीकृष्ण के बालस्वरूप का जन्माष्टमी के दिन शंख में दूध लेकर अभिषेक किया जाता है। शंख भगवान विष्णु को बहुत पसंद है।