हिंदू धर्म में हर देवी-देवताओं की पूजा-विधान का दिन बताया गया है। उसी तरह से मां वैभव लक्ष्मी की पूजा-आराधना का दिन शुक्रवार माना गया है। वैभवलक्ष्मी का व्रत इस दिन लोग करते हैं। मान्यताओं के अनुसार, मां लक्ष्मी की पूजा नियमित रूप से शुक्रवार के दिन जो लोग करते हैं हमेशा सुख-संपन्नता घर में बनी रहती है।
इतना ही नहीं पैसों से जुड़ी समस्या भी लक्ष्मी जी की पूजा इस दिन करने से होती है। शुक्र ग्रह का दिन शुक्रवार का दिन कहा गया है। भौतिक सुख का कारक भी शुक्र ग्रह को माना जाता है। लेकिन कुछ बातों का जरूरी ध्यान शुक्रवार के दिन रखना चाहिए। चलिए बताते हैं कौन से काम शुक्रवार के दिन नहीं करने होते।
लक्ष्मी का स्वरुप महिलाओं को माना गया है। इसलिए किसी महिला या कन्या का अपमान शुक्रवार या किसी अन्य दिन नहीं करें। भूलकर भी किसी किन्नर का अपमान इस दिन न करें। ऐसा कहा जाता है कि लक्ष्मी का वास वहां पर नहीं होता जहां महिलाओं का सम्मान नहीं होता। ऐसे घरों में दरिद्रता हमेशा बनी रहती है।
किसी से भी कर्ज शुक्रवार के दिन न लें और न ही दें। ऐसा कहा जाता है इस दिन कर्ज देना और लेना शुभ नहीं होता है। दरअसल वापस धन इस दिन देने से आना मुश्किल होता है। इसके अलावा कड़वाहट रिश्तों में आ जाता है।
सात्विक भोजन ही शुक्रवार के दिन खाना चाहिए। भूलकर भी इस दिन मांस और मदिरा का सेवन नहीं करें। संभव हो सके तो कुछ मीठा जरूर इस दिन बना लें साथ ही उसे पहले मां लक्ष्मी को अर्पित कर दें।
भौतिक सुखों का स्वामी शुक्र ग्रह को ज्योतिष के मुताबिक माना जाता है। शुक्र ग्रह एवं चंद्रमा दोनों से चीनी का संबंध है। यही वजह है कि चीनी किसी को भी इस दिन न दें। ऐसा करने से शुक्र ग्रह कमजोर हो जाता है। साथ ही सुख-सुविधाओं में भी कमी आ जाती है और व्यक्ति की आर्थिक स्थिति भी खराब भी होती है।
भूल से भी किसी से झगड़ा शुक्रवार के दिन नहीं करना चाहिए और न ही अपशब्द किसी से भी न बोलें। ऐसा करने से अपने भक्तों से मां लक्ष्मी रूठ जाती है। साथ ही पैसों का अपव्यय भी बढ़ता है और दरिद्रता का वास भी घर में आती है।