लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

इस महाशिवरात्रि पर 117 साल बाद बना रहा अद्भुत संयोग, भूल से भी नहीं करें ये गलतियां

ज्योतिष शास्‍त्र में तीन रात्रि विशेष साधना के लिए बताई गई हैं। शरद पूर्णिमा को मोहरात्रि,दीपावली की कालरात्रि तथा महाशिवरात्रि को सिद्ध रात्रि इनका महत्व है। महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास

ज्योतिष शास्‍त्र में तीन रात्रि विशेष साधना के लिए बताई गई हैं। शरद पूर्णिमा को मोहरात्रि,दीपावली की कालरात्रि तथा महाशिवरात्रि को सिद्ध रात्रि इनका महत्व है। महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाते हैं। 21 फरवरी शुक्रवार यानी कल महाशिवरात्रि मनाई जा रही है। ज्योतिष के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग इस बार की महाशिवरात्रि पर संयोग बना है। 117 साल बाद फाल्गुन मास की कृष्‍ण पक्ष की चतुर्दशी को एक अद्भुत संयोग महाश्विरात्रि पर बन रहा है। 
1582188487 maha shivaratri 2020
इस महाशिवरात्रि पर शनि स्वयं की मकर राशि में हैं वहीं शुक्र अपनी उच्च राशि मीन पर होंगे। यह एक दुर्लभ योग बन रहा है। भगवान शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना को इस योग में सबसे श्रेष्ठ कहा गया है। शिव पुराण और महामृत्युंजय मंत्र का जाप महाशिवरात्रि में करना चाहिए। कई नियम महाशिवरात्रि के लिए बताए गए हैं। अगर व्रत के दौरान आपने इन नियम का पालन नहीं किया तो भगवान शिव की कृपा आप पर नहीं होगी। चलिए आपको बताते हैं कि महाशिवरात्रि के व्रत में कौन से काम व्यक्ति को नहीं करने चाहिए।
1582188589 lord shiva 1
ये है महाशिवरात्रि की पूजा का शुभ-मुहूर्त

1582188628 maha shivrartri puja
21 फरवरी 2020 को शाम 5 बजकर 16 मिनट से महाशिवरात्रि शुरु होगी और 22 फरवरी शनिवार को शाम 7 बजकर 9 मिनट तक रहेगी। मासिक शिवरात्रि का व्रत जो भक्त करना चाहते हैं तो वह इस महाशिवरात्रि से शुरु कर दें।
भूलकर भी ये 7 गलतियां शिव पूजा के दौरान न करें
1.शंख जल

1582188698 shankh jal
शंखचूड़ नाम के एक असूर को भगवान शिव ने मारा था। उसी असुर का प्रतीक शंख को माना गया है जो भगवान विष्‍णु का भक्ता थ इसलिए शंख से विष्‍णु भगवान की पूजा होती है शिव की नहीं। 
2. पुष्प

1582188769 champa flower
केसर, दुपहरिका, मालती, चम्पा, कुंद,जूही आदि के पुष्प भोलेनाथ की पूजा में नहीं अर्पित करने चाहिए।
3.करताल

1582188837 lhattal
करताल भूल से भी भगवान शिव की पूजा के दौरान नहीं बजना चाहिए।
4. तुलसी पत्ता

1582188874 tulsi leaves
तुलसी का जन्म जलंधर नाम के असुर की पत्नी वृंदा के अंश से हुआ था। उसी को पत्नी के रूप में भगवान विष्‍णु ने स्वीकार कर लिया। यही वजह है कि भगवान शिव की पूजा तुलसी से नहीं की जाती है।
5. तिल

1582188928 til
मान्यता है कि भगवान विष्‍णु के मैल से तिल उत्पन्न हुआ है इसलिए भोलेनाथ को यह अर्पित नहीं किया जाता।
6. टूटे हुए चावल

1582188984 rice
मान्यता है कि अक्षत यानी साबुत चावल भगवान शिव को पूजा में अर्पित किए जाते हैं। टूूटे हुए चावल हो अपूर्ण और अशुद्ध बताया गया है इसलिए शिवजी को पूजा में यह नहीं चढ़ाते।
7. कुमकुम

1582189068 kumkum
कुमकुम को सौभाग्य का प्रतीक माना गया है लेकिन भोलेनाथ एक वैरागी हैं इसलिए उन्हें कुमकुम अर्पित नहीं किया जाता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

four × 2 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।