एक दिल दह लाना देने वाली घटना के तहत महाराष्ट्र के कृषि मजदूरों द्वारा गन्ने के खेत में घासफूस में आग लगा दी गई जिसमें पांच तेंदुए के शावक मर गए हैं। बता दें कि मजदूरों को खेत में तेंदुए के शावकों के होने की जरा भी खबर नहीं थी।
पुलिस ने बताया कि पुणे में जून्नार तहसील के अवासारी गांव में बुधवार को गन्ने के खेत में तेंदुए के पांच शावक मारे मिले हैं। पांचों तेंदुए सिर्फ 3 हफ्ते के थे। एक मजूदर ने कहा हम फसल काटने गए थे। खेत के मालिक का आदेश था कि खेत में घासफूस को जला दिया जाए और हमने तो वही किया। हमें पता नहीं था कि वहां तेंदुए के शावक हैं।
वन उप संरक्षक जयराम गौड़ा के मुताबिक कई मजदूरों ने वन अधिकारियों को बताया कि उन्होंने घासफूस के ढेर पर एक सांप भी देखा और ये सोचा कि वहां और भी सांप छिपे होंगे। ऐसा सोचकर उन्होंने आग लगाने का फैसला किया। वहीं मानचार थाने के एक अधिकारी ने पीटीआई भाषा को बताया कि करीब तीन हफ्ते पहले ही गन्ने के इस खेत में इन शावकों का जन्म हुआ था।
मजदूरों ने जब घासफूस जलाने की कोशिश की तो बाद में लपटें उठने लगीं। उसी बीच वहां पर लोगों को तेंदुए के शव दिखाई दिए उसके बाद अग्निशमन विभाग,पुलिस और वन विभाग को सूचना दी गई। लेकिन जब तक बहुत ज्यादा देर हो चुकी थी और शावक जलकर मर गए थे।
पोस्टमार्टम के बाद वन विभाग के अधिकारियों को सौंपा मरे हुए शव
इन मरे हुए शावकों को पोस्टमार्टम के बाद वन विभाग के अधिकारियों को सौंप दिया गया। गौड़ा के मुताबिक वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। वहीं खेत में काम कर रहे किसानों का बयान दर्ज करने की प्रक्रिया भी चल रही है।
वैसे वन अधिकारियों ने मजदूरों को चेतावनी दे दी है कि वह अब खेत में जाने से बचें क्योंकि मां तेंदुआ अभी भी अपने शावकों को ढूंढ सकती है और हिंसक भी हो सकती है। बता दें कि ये कोई पहली बार नहीं है जब ऐसे गन्ने के खेतों में तेंदुए के शावक मिले हैं। इससे पहले महीने भी उसी क्षेत्र के गन्ने के खेत में दो तेंदुए के शावक को बचाया गया था।