आजकल के समय में इंटरनेट पर यूजर्स की आबादी जैसे मानों दिन दूनी और रात चौगुनी तरक्की कर रही है। सोशल मीडिया पर लोग चाहे छोटी बात हो या फिर बड़ी ट्रोल हो जाते हैं। इतना ही नहीं जहां पर यूजर्स कि जरूरत नहीं है वहां भी लोग बिना कुछ सोचे समझे अपनी राय दे देते हैं। ऐसे में ही यूजर्स की सोच क्या रहती होगीï? शायद यही वाक्या सोच कर लिख दिया। खाली ही तो बैठे हुए थे। लेकिन जरा सोचिएं ऐसी ही सोच और खाली समय में आपके टाइमपास ने किसी की जान ले ली है।
69 फीसदी लोगों ने कहा-हां मर जाओ
हाल ही में एक बेहद ही दुखद हैरान कर देने वाला मामला मलेशिया का है। वहां पर एक 16 साल की लड़की ने आत्महत्या कर ली है। अपनी जिंदगी में किसी निजी समस्या में फंसी हुई इस लड़की ने इंस्टाग्राम पर एक पोल डाला था। जिसमें युवती ने लोगों से पूछा कि क्या उसे आत्महत्या कर लेनी चाहिए।
वहीं खाली बैठे नासमझ यूजर्स की भीड़ ने अपना टाइम पास करने के लिए हां में जवाब दिया। इसमें करीब 69 फीसदी लोगों ने हां बोला। फिर क्या था युवती ने आत्महत्या कर ली। ये पूरी घटना मलेशिया के सरावक स्थित कुचिंग इलाके की है।
इंस्टाग्राम पर स्टोरी 13 मई के दिन पोस्ट की थी
बता दें कि इस घटना पर मलेशिया प्रशासन ने जांच के आदेश दिए है। बताया जा रहा है कि युवती ने इंस्टाग्राम पर अपनी पोस्ट में लिखा था। यह बहुत जरूरी है,इसे चुनने में मेरी मदद कीजिए D या L। खबरों के अनुसार ये पोस्ट युवती ने 13 मई के दिन अपनी इंस्टा स्टोरी पर डाली थी। जिसके कुछ घंटो बाद ही युवती ने छत से कूद कर अपनी जान दे दी।
क्या युवती को बचाया जा सकता था ?
पीड़ित के एक दोस्त ने बताया की इंस्टा स्टोरी में D का मतलब डेथ था और L का मतलब लाइफ। जिला पुलिस के प्रमुख Aidil Bolhassan ने The Borneo Post अखबार से कहा, पोल में लड़की के फॉलोअर्स में से 69 फीसदी ने अपनी ओर से D लिखा था।
बता दें कि मलेशिया संसद के सदस्य और एक वकील रामकृपाल सिंह ने कहा है कि जिन लोगों ने किशोरी को मरने के लिए वोट दिया है। वो सारे ही युवती की आत्महत्या के लिए दोषी हो सकते हैं। अधिकारियों ने किशोरी की मृत्यु के लिए इन सभी परिस्थितियों की जांच करने की अपील की है।
दोषी पाए जाने पर हो सकती है 20 साल कैद की सजा
जानकारी के लिए बता दें कि मलेशियाई कानून के अनुसार किसी भी नाबालिग को आत्महत्या के लिए उकसाने या फिर उसका आत्महत्या में साथ देने के मामले में दोषी पाए जाने पर 20 साल कैद की सजा है। इस घड़ी में सवाल सजा का नहीं बल्कि,सवाल यह है कि किसी के टाइमपास और बेवजह कुछ भी लिख देने पर किसी मासूम की जान चली गई है।