इस बात में कोई दोराए नहीं हर दिन की भागदौड़ की वजह से हम अक्सर ही उन सभी छोटी-छोटी बातों को अनदेखा कर देते हैं जो हमारी सेहत से जुड़ी होती है और यही बातें कुछ समय बाद हमारे बॉडी को नुकसान पहुंचाती है। खाना खाने से पहले हाथ धोना,दिन में दो बार ब्रश करना,नियमित रूप से अपने कपड़ों को धोना और घर की साफ-सफाई करना।
ये सारी आदते कुछ ऐसी हैं जिनका यादि हम सही तरीके से पालन करतें तो हम किसी भी हेल्थ प्रॉब्लम्स का शिकार नहीं हो सकते हैं। इन्हीं में से एक आदत जो सबसे जरूरी होती है वो है बिस्तर पर बिछी बेडशीट को चेंज करने और नियमित रूप से धोने की आदत।
एक्सपट्र्स के मुताबिक एक हफ्ते से ज्यादा समय तक एक ही बेडशीट का इस्तेमाल करने से बैक्टीरिया और जम्र्स के पनपने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए 1 सप्ताह तक का समय बहुत है और 7 दिन पूरे हो जाने के बाद हर हाल में बेडशीट को बदलकर उसे जरूर धोना चाहिए।
गंदी बेडशीट पर सोने से न केवल इंफेक्शन और ऐलर्जिक रिएक्शन होने का खतरा रहता है। बल्कि गंदी बेडशीट होने से बिस्तर में पनपने वाले कीड़े और खटमल का ब्रीडिंग ग्राउंड भी बन सकता है।
40 प्रतिशत लोग 15 दिन में एक बार चेंज करते हैं बेडशीट
यूके में हुए एक सर्वे की मानें तो केवल 28 प्रतिशत लोग ही ऐसे हैं जो हर हफ्ते नियमित रूप से अपनी बिस्तर की चादर बदलते हैं। जबकि 40 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो 15 दिन में महज एक बार,जिनमें से 24 प्रतिशत लोग 2 से 3 सप्ताह में एक बार जबकि 8 प्रतिशत लोग महीने में एक बार अपनी बेडशीट बदलते हैं।
एक रिपोर्ट पर गौर करेंतो बेडशीट पर हमारी बॉडी का पसीना,बॉडी फ्लूइड जैसे सलाइवा,ऑइल,यूरीन और सेक्शुअल फ्लूइड भी गिरता है। ऐसे में ज्यादा दिनों तक इन चीजों के साथ सोने से इंफेक्शन होने का खतरा हो जाता है। इसी वजह से नियमित रूप से बेडशीट बदलना बहुत जरूरी है।