हौसले बुलंद हो तो दुनिया की कोई ऐसी ताकत नहीं जो हमारी सफलता के आड़े आये। कुछ ऐसी ही एक कहानी असम की रहने वाली लड़की प्रिंसी गोगोई की भी है। दरअसल इस लड़की के दोनों हाथ नहीं हैं, फिर भी वो प्राइवेट हॉस्पिटल में फ्रंट डेस्क एग्जीक्यूटिव की नौकरी करती हैं और इसे ही बोलते हैं जिंदादिली।
प्रिंसी गोगोई लिखती हैं पैरों से
बता दें,प्रिंसी असम के छोटे से शहर सोनारी में पैदा हुई हैं और बचपन से ही उनके दोनों हाथ नहीं है। फिलहाल वो गुवाहाटी के एक निजी अस्पताल में जॉब करती हैं। प्रिंसी 12वीं तक पढ़ी हैं और वो पैरों से ही लिखती हैं। इतना ही नहीं वो पेंटिंग, सिंगिंग और स्पोर्ट्स का भी काफी ज्यादा शौक रखती है।
प्रिंसी ने बताया की मुश्किलें भला किसके जीवन में नहीं हैं? भगवान मेरे दोनों हाथ बनाना भूल गए, लेकिन मैंने पैरों से जीना सीख लिया है। यहां तक कि वो नौकरी करके घर का सारा खर्च भी खुद ही उठाती हैं।
आगे वो कहती हैं मुझे एक सरकारी स्कूल में पांचवीं में इसलिए एडमिशन नहीं दिया गया था, क्योंकि मेरे दोनों हाथ नहीं हैं। एक शिक्षक ने मां से कहा था कि वे ‘मानसिक रोगी’ बच्चे को भर्ती नहीं कर सकते। मगर एक दरवाजा बंद होता है, तो भगवान दूसरा खोल देता है। गांव के ही एक व्यक्ति की मदद से मेरा एडमिशन प्राइवेट स्कूल में हुआ, जहां से मैंने 10वीं पास की।
बिकती हैं पेंटिंग्स
यूं तो प्रिंसी ने सिर्फ अपने पैरों के दम 12वीं पास कर एक खास मिसाल पेश कर ही दी है,लेकिन इसके अलावा वो पेंटिंग करने की भी काफी तगड़ी शौकीन है। हाल ही में उन्होंने पैरों की अंगुलियों से ब्रश पकड़कर गणेश जी की एक बहुत खूबसूरत पेंटिंग बनाई है और दिलचस्प बात की प्रिंसी की ये पेंटिंग 30 हजार रुपए में बिकी।
प्रिंसी की कहानी ने बता दिया कि इंसान सोच से अपाहिज होता है, शरीर से नहीं और हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती। वहीं प्रिंसी का कहना है कि भविष्य में वो दिव्यांग बच्चों के लिए एक आर्ट स्कूल खोलना चाहती हैं।