जम्मू-कश्मीर के सोपोर में सीआरपीएफ जवान और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हो गयी जिसमें एक जवान शहीद हुआ और बाकी तीन जवान घायल हो गए। इस दौरान एक स्थानीय के भी जान चली गयी। खबरों के अनुसार बशीर अहमद के रूप में मृत व्यक्ति की पहचान की गयी। हालांकि मुस्तफा कॉलोनी एचएमटी शहर के वह रहने वाले थे।
दरअसल सोशल मीडिया पर एक मार्मिक तस्वीर कश्मीर के सोपोर में इस आतंकी हमले की खूब वायरल हो रही है। इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि मृत व्यक्ति बशीर अहमद के शव के पास एक छोटा सा बच्चा रोता दिखाई दे रहा है। वैसे इस बच्चे की जान सीआरपीएफ के एक जवान ने बचा ली और उसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया। हालांकि अब वह बच्चा अपने मां-बाप के पास है। सोशल मीडिया की जनता ने इस सीआरपीएफ जवान की सराहना की है जिसने बच्चे की जान अपनी जान पर खेल कर बचाई।
Police rescued a 3-year-old boy from getting hit by bullets during the terrorist attack in Sopore: Jammu & Kashmir Police https://t.co/T5hGdXkRAs pic.twitter.com/JaoSjrzsOD
— ANI (@ANI) July 1, 2020
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सीआरपीएफ जवान पवन कुमार चौबे ने उस बच्चे की जान बचाने के लिए अपनी जान पर खेल कर बचाई। बता दें कि कोबरा कमांडो वह हैं। CRPF साल 2010 में पवन ने ज्वाइन किया था। इससे पहले 203 कोबरा बटालियन का पवन हिस्सा थे। नक्सलवाद को खत्म करने के लिए यह बटालियन बनाई गयी है। पवन 179 बटालियन से जम्मू-कश्मीर में आने के बाद जुड़े थे। इसी बटालियन को निशाना आतंकियों ने बीते बुधवार की सुबह बनाया था।
When we reached the site, what we saw was disturbing. Our priority was to evacuate the child. It was very challenging as terrorists were firing upon us. The child was going to Handwara with his grandfather: Azim Khan SHO Sopore#JammuAndKashmir https://t.co/qb3ksJUqsf pic.twitter.com/q4yta8gkT8
— ANI (@ANI) July 1, 2020
इस मामले में एक अधिकारी ने कहा कि सोपोर में साल 2016 में पवन तैनात हुए और उन्होंने कई ऑपरेशन का इससे पहले भी हिस्सा रह चुके हैं। अधिकारी ने आगे बताया कि मस्जिद से गोलीबारी जब आज (बुधवार) आतंकियों ने शुरू की तो इस दौरान एक स्थानीय की जान चली गई। उसी समय उसके शव के पास एक बच्चा बैठा रो रहा था जिसे पवन ने देखा। उसके बाद साथी जवानों की मदद से उसने फौरन उसे बचाने निकल गया।
अधिकारी ने कहा कि वहां काफी अच्छा काम पवन ने किया। जब मासूम बच्चे को उसने गोलियों में घिरा देखा तो वह उसके पास गए और कवर से अपनी तरफ उसे बुलाया। जैसे ही बच्चा उसके पास गया उसने जल्दी से लपक लिया।