इस साल देशभर में गणेश चतुर्थी 2 सिंतबर को धूमधाम से मनाई जा रही है। गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है। ये पर्व गणेश के जन्म उत्सव यानि गणेश चतुर्थी से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी के दिन समाप्त हो जाता है।
गणेश चतुर्थी के दिन लोग बप्पा की आराधना करते है। दुनिया भर में हर जगह गणेश जी पंडाल लगाए जाते है। ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मध्यकाल में हुआ था। हर साल इसी दिन गणेश चतुर्थी मनाई जाती है।
इन दिनों लोग गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए मोदक का भोग लगाते है। मोदक को नारियल और घी से बनाया जाता है। मोदक भगवान गणेश का सबसे पसंदीदा माना जाता है। लेकिन इसके पीछे वजह कुछ और भी है। तो आइए जानते हैं कि गणेश चतुर्थी को क्यों चढ़ाया जाता है मोदक।
पुराणों में मोदक का वर्णन बताया गया है। मोदक का अर्थ आनंद यानि खुशी और गणेश जी को हमेशा खुश रहने वाला माना जाता है। इसी वजह से गणेश जी को मोदक का भोग लगाया जाता है। मोदक को ज्ञान का प्रतीक भी माना जाता है इसी के साथ गणपति बप्पा को भी ज्ञान का देवता माना जाता है। इसलिए उनको मोदक का भोग लगता है।
भगवान गणेश का पसंदीदा है मोदक
एक कथा के अनुसार गणेश जी और परशुराम जी के बीच लड़ाई हुई थी जिसमें उनका दांत टूट गया था। दांत टूटने की वजह से उनको खाने में काफी ज्यादा परेशानी रही थी
जिसके बाद उनके लिए मोदक बनाए गए। क्योंकि मोदक बहुत मुलायम होता है और मुंह में जाते ही घुल जाता है। जिसके बाद से मोदक गणेश जी को अतिप्रिय हो गया।