भोपाल : राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिये प्रदेश में चलाये गये विशेष अभियान के तहत 12 लाख से अधिक नामांतरण और बंटवारे के प्रकरणों का तथा एक लाख से अधिक सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण किया गया है। साथ ही प्रदेश में साढ़े चार करोड़ से अधिक नि:शुल्क खसरे और बी-1 की प्रतियों का वितरण किया गया। यह बात मुख्यमंत्री चौहान ने राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक में कही।
बैठक में बताया गया कि एक माह से अधिक लंबित अविवादित नामांतरण-बंटवारा प्रकरणों पर एक लाख रूपये के इनाम की घोषणा के बाद पूरे प्रदेश में एक भी प्रकरण नहीं मिला। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग ने आम लोगों के हित में सकारात्मक कार्य किया है।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि भूमिहीनों को आवासीय पट्टों का वितरण अभियान के रूप में किया जाये। आगामी सितम्बर माह के अंत तक प्रदेश में एक भी पात्र भूमिहीन शेष नहीं रहे। नक्शे और खसरों की त्रुटियों को दूर करने का विशेष अभियान चलाया जाये।
वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने का कार्य प्राथमिकता से किया जाये। बैठक में बताया गया कि इस वर्ष सूखा राहत के लिये 1880 करोड़ तथा ओलावृष्टि राहत के लिये 300 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये हैं। भोपाल नगर के मर्जर एग्रीमेंट के लंबित प्रकरण का निराकरण भोपाल के 13 ग्रामों में स्थगित नामांतरण, बंटवारा और नजूल एनओसी से छूट देकर किया गया है।
बैठक में उन्होंने भूमिहीनों को आवासीय पटटे देने के अभियान के लिए विस्तृत निर्देश दिये। राजस्व विभाग की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी: बैठक में जानकारी दी गई कि नजूल के पट्टों के नवीनीकरण और दरों का सरलीकरण किया जायेगा। आम नागरिकों को भू-राजस्व, नजूल रेंट, प्रीमियम के भुगतान के लिये सरल ऑनलाईन सुविधा शुरू की जायेगी।
किसान ऐप के माध्यम से किसानों को भूमि के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाई जायेगी। पटवारियों को संपूर्ण कार्य ऑनलाईन करने के लिये लेपटॉप दिये जायेंगे। पटवारियों, राजस्व निरीक्षकों और लिपिकों के लिये नायब तहसीलदार भर्ती परीक्षा 21 वर्षों के अंतराल के बाद आगामी जून माह में आयोजित की जायेगी। राजस्व विभाग की संपूर्ण प्रक्रिया ऑनलाईन की जायेगी तथा भूमिहीन कोटवारों के मानदेय में वृद्धि की जायेगी।
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