अपने शायद ही कभी सुना हो कि देश में कोई ऐसा मंदिर हो जहां भगवान की पूजा नहीं होती हो। क्योंकि हर एक मंदिर में भगवान की पूजा जरूर की जाती है। लेकिन आज हम आपको बताने वाले हैं एक ऐसे मंदिर के बारे में जिस जगह भगवान की पूजा नहीं होती है यहां पर केवल दर्शन करने दिए जाते हैं।
आप ये बात जानकर चौंक जाएंगे कि उड़ीसा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ की पूजा नहीं करी जाती है। यहां पर भक्त केवल उनके दर्शन करने के लिए आते हैं।
कुछ पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान विष्णु जब चारों धाम की यात्रा के लिए गए थे,तब उन्होंने हिमालय की ऊंची चोटियों पर बने अपने बद्रीनाथ धाम के स्नान किया था।
इसके बाद वहां से वे द्वारका में वस्त्र धारण किए थे। बताया जाता है कि वे पुरी में रहने लगे थे। माना जाता है कि यहां वे जग के नाथ भी बन गए थे। यही वजह है कि आज भी उन्हें जगन्नाथ के रूप में माना जाता है। बता दें कि चार धामों में से एक है जगन्नाथ धाम। इस जगह पर जगन्नाथ के साथ-साथ बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां काष्ठ की हैं।
इस जगह के लिए ऐसा कहा जाता है कि मूर्ति को 12 साल में सिर्फ एक बार नया कलेवर दिया जाता है और इन मूर्तियों का निर्माण कराया जाता है। बताया जाता है कि इन प्रतिमा का आकार और रूप वैसा ही रहता है। क्योंकि इन मूर्तियों की पूजा नहीं होती है। केवल उन्हें दर्शन करने के लिए ही रखा गया है।