कालाष्टमी के दिन भगवान शिव का विग्रह रूप माने जाने वाले कालभैरव की पूजा का खास महत्व है। बता दें कि कालभैरव को शिव का पांचवा अवतार माना गया है। इनके दो रूप है पहला बटुक भैरव जो भक्तों को अभय देने वाले सौम्य रूप में प्रसिद्घ है तो वहीं दूसरा कालभैरव जो अपराधिक प्रवृतियों को रोकने वाले भयंकर दंडनायक है।
भगवान भैरव के भक्तों का अनिष्ट करने वालों को तीनों लोकों में से कहीं भी शरण नहीं मिलती है। काल भी इनसे डरता है इसलिए इन्हें काल भैरव एंव हाथ में त्रिशूल,तलवार और डंडा होने की वजह से दंडपाणि भी कहा जाता है। वैसे देखा जाए तो अपने घरों में लोग हर रोज भैरव जी की पूजा नहीं करते हैं लेकिन हर महीने में कृष्णपक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी के दिन जरूर भैरव जी की पूजा करते हैं।
पूजा करने के साथ-साथ कई लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। तंत्र-मंत्र के लिए कालाष्टमी का दिन साधक आराधना के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इस दिन सच्चे मन से भैरव जी की पूजा करने और व्रत व उपाय करने से जातक का कोई अनिष्ट नहीं कर सकता है। तो आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में जिनको करने से भैरव जी व्यक्ति की सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।
कालाष्टमी के दिन करें ये उपाए
1.कालाष्टमी के दिन भैरव देवता को नींबू की माला या फिर 5 नींबू जरूर चढ़ाएं। ऐसा करने से आपकी मांगी हुई सभी मुराद पूरी होंगी। साथ इस उपाय को करने से इंसान को अपार धन,यश और सफलता मिलेगी।
2.कालाष्टमी के दिन काले सवा मीटर कपड़े में सवा सौ ग्राम काले उड़द,सवा सौ ग्राम काले तिल और 11 रुपए लेकर एक पोटली बना लें। ये पोटली कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव को अर्पित करें।
3.जो इंसान पैसो की तंगी से काफी समय से परेशान है उसे इस समस्या से निजात पाने के लिए कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव के मंदिर में जाकर चमेली का तेल और सिंदूर अर्पित करना चाहिए जल्द ही लाभ मिलेगा।
4.काल भैरव का कालाष्टमी के दिन से लेकर 40 दिनों तक रोजाना दर्शन करें। इस उपाय को करने से भैरव जी खुश होंगे और आपकी सभी इच्छाएं पूरी होंगी।
5.इस खास दिन पर किसी भी घर के पास वाले मंदिर में जाकर काजल और कपूर का दान करें। ऐसा करने से इंसान को हर तरह के कष्टों से मुक्ति मिल सकेगी साथ ही भगवान भैरव की कृपा आप पर सैदव बनी रहेगी।
6.भगवान काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए कालाष्टमी के दिन उनकी मूर्ति पर सरसों के तेल का दीपक अवश्य जलाएं और श्रीकालभैरवाष्ट कम का पाठ करें। इस उपाय को आपको तब तक करना है जब तक आपकी मांगी हुई मनोकामना पूरी न हो जाए। इस उपाय को रोज श्रद्घापूर्वक करें।
7.कालभैरव अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर नहाने के बाद भगवान भैरव के मंदिर जाकर अबीर,गुलाल,चावल,फूल और सिंदू चढाएं। भैरव जी की कृपा पाने के लिए नीले फूल जरूर चढ़ाएं। निश्चित रूप से भैरव की कृपा आप पर बनी रहेगी।
8.काल भैरव भगवान शिव का अवतार है इसलिए कालाष्टमी के दिन भगवान शिव की पूजा करें इससे आपको भगवान भैरव का आशीर्वाद मिल सकेगा। इस दिन 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से ‘ॐ नम: शिवाय’ लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करें। ऐसा करने से भैरव जी प्रसन्न होंगे जिससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।