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OMG: जिंदगी भर करना था आराम, छोड़ दी नौकरी, अब पैसे कम पड़े तो करना पड़ा ये काम

शू ने कहा “मुझे डाटने वाला कोई नहीं है और न ही कोई निर्देश देने वाला और न कोई मन को तकलीफ देने वाला कोई नहीं. यह मेरी च्‍वाइस है। काफी शांत‍ि और सुकून मिल रहा।

जिंदगी की भाग-दौड़ से हर कोई लगभग हर कोई परेशान रहता है। कभी काम पर किसी के साथ बहस, तो कभी आम जिंदगी में कोई दिक्कत। एक समय आदमी ये सोचता है कि क्यों न सभी चीजों को छोड़ कर कही चले जाए। आपमें से ऐसा कई कर भी देते है लेकिन जब बात पैसे की आती है, तो लोगों को फिर से काम पर आना ही होता है। जीवन जीने के लिए पैसा काफी जरुरी होता है। पर क्या आपन कभी सुना है कि किसी ने अपनी नौकरी इस कारण छोड़ दी क्योकि उसको आराम करना था। 
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मामला चीन का सिचुआन प्रांत का है। 2018 में, ली शू नाम के इस व्यक्ति ने अपनी अच्छी तनख्वाह वाली स्थिति से इस्तीफा दे दिया और अपना अधिकांश समय अपने किराए के अपार्टमेंट में आराम करने में बिताने लगा। लेकिन जल्द ही उन्हें समझ में आ गया कि पैसे के अभाव में उनकी सारी जमा-पूंजी खत्म हो जाएगी। इसके बाद से उन्होंने अपने रोजाना के खर्चे कम करने शुरू कर दिए। 
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पूरे दिन के लिए सिर्फ 120 रुपए खर्च करने लगे। उसने अपनी सारी संपत्ति बेच दी क्योंकि उसे अभी भी किराए को कवर करने के लिए पैसे की जरूरत थी। इससे उन्होंने करीब 5 हजार रुपये कमाए, एक टेंट खरीदा और पार्क में रहने लगे। वह पिछले 200 दिनों से पार्क में रह रहा है, लेकिन वह रोजमर्रा की जिंदगी की चक्की में नहीं लौटना चाहता।
कुछ बोलने वाला कोई नहीं 
ली शू का पुराना टेंट जो अभी इस समय उनका सबसे अच्छा साथी है। शख्स पकौड़ी और नूडल्स खा कर अपने आपको जिन्दा रखता है जो जैसे सस्ते दामों में उसे मिल भी जाते है। वह आलू और अंडे तभी बनाते हैं जब उनका मन करता है कि वे खाना बनायें। पानी लेने के लिए उसे काफी दूर जाना पड़ता है। उसे अपना फोन चार्ज करने के लिए दूसरों की सहायता की आवश्यकता होती है क्योंकि उसके टेंट में बिजली नहीं है। इसके बावजूद उनका मानना ​​है कि यह जीवन सबसे अद्भुत है। 
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शू ने कहा “मुझे डाटने वाला कोई नहीं है और न ही कोई निर्देश देने वाला और न कोई मन को तकलीफ देने वाला कोई नहीं. यह मेरी च्‍वाइस है। काफी शांत‍ि और सुकून मिल रहा। मैं धीरे-धीरे इस वातावरण में खो चूका हूँ। आगे शख्स कहता है मरे दोस्तों ने मुझे कए बार बोला की मुझे कोई बिजनेस करना चाहिए। वो इसके लिए पैसे देने को भी तैयार थे, लेकिन मैंने माना कर दिया। अगर मैं उनकी बार मान लेता तो फिर से मैं अपनी आराम भरी जिंदगी से छुट्टी ले लेता। मुझे ऐसा कुछ नहीं करना था जो मेरे आराम को हानि पहुंचाए। 

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