सोशल मीडिया की दुनिया में रोज कुछ न कुछ वायरल होता ही रहता है। आज एक ऐसी कहानी सभी के सामने आ रही है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि एक शख्स 550 बच्चों का बाप है। आपको सुनने में थोड़ा अजीव लगे, लेकिन ये मामला सोशल मीडिया पर खूब चर्चे बटोर रहा है। एक डच अदालत ने शुक्रवार को फैसला सुनाया कि 550 से अधिक बच्चों के पिता होने के बाद एक शुक्राणु दाता को अब शुक्राणु दान या किसी को देने की अनुमति नहीं है।
मामला नीदरलैंड का है जहां एक शख्स के ऊपर मुकदमा दायर कर मामले की सुनवाए की गई। एक समूह और एक मां ने इस बात को सबसे पहले कोर्ट में कहा। मुकदमा दायर करने वाली माँ के बच्चे में भी पुरुष का शुक्राणु था। जब खुलासा हुआ तो एक समूह ने शुक्राणु दाता के खिलाफ मुकदमा दायर किया।
डच नैदानिक दिशानिर्देश बताते हैं कि गैर-कानूनी काम को रोकने के लिए एक दाता को 12 परिवारों में 25 से अधिक बच्चों का पिता नहीं होना चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार, शख्स का नाम जोनाथन है जिसकी उम्र 41 साल बताई गई है। व्यक्ति को 2017 में नीदरलैंड में फर्टिलिटी क्लीनिक में दान करने से प्रतिबंधित कर दिया गया था, लेकिन वह रुकने के बजाय विदेश और ऑनलाइन अपना स्पर्म दान करता रहा।
वह नियमों को दरकिनार करता रहा, क्योंकि शुक्राणु दाताओं के लिए कोई केंद्रीय रजिस्टर या कोई रूल नहीं है। जोनाथन ने 2007 से शुक्राणु दान करना शुरू करने के बाद से 550 से 600 बच्चों को जन्म दिया है। जब मामला कोर्ट में गया तो उनके बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि वह सिर्फ उन जोड़ों की मदद करना चाहते थे जो गर्भ धारण करने में असमर्थ थे।
अदालत ने पाया कि व्यक्ति ने “जानबूझकर” भावी माता-पिता को दान की संख्या और गर्भ धारण करने वाले बच्चों की संख्या के बारे में गलत जानकारी दी। अब बात ये है कि सैकड़ों सौतेले भाइयों और सौतेली बहनों की वजह से यह रिश्तेदारी का नेटवर्क बहुत बड़ा हो गया है।
अदालत ने कहा, “ये सभी माता-पिता अब इस तथ्य से जूझ रहे हैं कि उनके परिवार में बच्चे सैकड़ों सौतेले भाई-बहनों के साथ एक विशाल रिश्तेदारी नेटवर्क का हिस्सा हैं, जिसे उन्होंने नहीं चुना,”। बच्चों के लिए नकारात्मक मनोसामाजिक परिणाम हैं। इसलिए यह उनके हित में है कि इस रिश्तेदारी के नेटवर्क को और आगे नहीं बढ़ाया जाए’।
अब द हेग की एक अदालत ने जोनाथन से कहा है कि वह उन सभी क्लीनिकों की सूची उपलब्ध कराए, जहां उसने अपने शुक्राणु दान किए थे और उन्हें उसके शुक्राणुओं को नष्ट करने का आदेश दिया था। अगर वह फिर से दान करने की कोशिश करता है तो उस व्यक्ति पर 90.95 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया जा सकता है।