आने वाली 22 जनवरी के दिन निर्भया कांड के चार दोषियों को फांसी दी जाएगी। अब काफी लंबे समय से इस मामले पर टल रहे इंसाफ की मांग अपराधियों केदम तोडऩे के साथ पूरी हो पाएगी। इतना ही नहीं अब लोगों द्घारा ऐसी मांग की जा रही है कि अपराधियों को मरते समय कोई तकलीफ न हो इसके लिए उन्हें गरुड़ पुराण सुनाए जाने की मांग की गर्ई है। इस मामले पर एक हिंदू संगठन सबसे आगे आया है।
संगठन कर्मियों का कहना है कि हिंदू मान्यता के मुताबिक मृत्यु से पूर्व गरुड़ पुराण सुनना फायदेमंद होता है। इससे इंसान मृत्यु के लिए खुद को मानसिक रूप से तैयार कर लेता है। साथ ही मौत की तकलीफ भी कम होती है।
बता दें कि निर्भया के दोषियों को गरुड़ पुराण सुनाए जाने के लिए संगठन की ओर से तिहाड़ जेल प्रशासन अधिकारी से इस बात के लिए निवेदन किया गया है। उन्होंने मांग की है कि मानवीय आधार पर फांसी दिए जाने से पहले उन्हें गरुड़ पुराण सुनाए जाने की अनुमति दी जानी चाहिए।
जानकारी के लिए बता दें कि 16 दिसंबर 2012 की रात को निर्भया को हवस का शिकार बनाया गया था। इसके बाद 29 दिसंबर के दिन निर्भया ने सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। जिसके बाद से इस घटना को लेकर देशवासियों के मन में काफी ज्यादा आक्रोश था।
अपनी बेटी को इंसाफ दिलान के लिए निर्भया की मां सबसे पहले आगे आई। इसमें उनका साथ अन्य लोगों ने भी दिया है। अब इतने साल बीत जानें के बाद पीडि़ता को इंसाफ मिल जानें के इंतजार में परिजनों को आखिर 10 जनवरी 2020 को कुछ राहत मिली जब अदालत ने निर्भया कांड दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया है।