31 अगस्त सोमवार यानी आज ओणम का त्योहार मनाया जा रहा है। खासतौर पर दक्षिण भारत के केरल में इस त्योहार की धूम होती है। खेतों में फसल की अच्छी उपज के लिए खासकर मनाते हैं। ओणम का त्योहार 10 दिनों तक चलता है और इस हिसाब से 22 अगस्त को यह पर्व शुरू हो गया। बेहद धूमधाम से ओणम का पर्व दक्षिण भारत में मनाया जाता है। उल्लास, उमंग और परंपराओं से यह त्योहार मनाया जाता है।
भाईचारे का संदेश यह त्योहार देता है। लेकिन ओणम के त्योहार की चमक कोरोना वायरस की वजह से इस साल पड़ गई है। बेहद खास यह त्योहार होता है। मंदिरों में पूजा-अर्चना इस दिन नहीं करते हैं और लोग पूजा अपने घरों में इस दिन करते हैं। एक कथा इस त्योहार की है जो बहुत लोकप्रिय है। चलिए इसकी कहानी और पर्वको क्यों मनाया जाता है बताते हैं।
यह पर्व 10 दिनों तक मनाया जाता है
10 दिनों तक ओणम का त्योहार केरल में मनाते हैं और घरों में पूजा इस दिन होती है। इस दिन फूल-ग्रह घर के अंदर बनाते हैं। पहले तो सर्कल में फूल सजाए जाते हैं एक साफ कमरे में बनाते हैं और वह लगातार 8 दिनों तक सजाते हैं। उसके बाद भगवान विष्णु की मूर्ति घर के अंदर नौंवे दिन रखते हैं। घर के लोग पूजा में शामिल होते हैं और मिलकर गीत गाते हैं। श्रावण देवता और गणपति की पूजा रात में की जाती है और फिर मूर्ति का विसर्जन 10वें दिन किया जाता है।
शुभारंभ होता है नववर्ष का
यह त्योहार पहले महीने में मलयालम कैलेंडर के अनुसार होता है। यह नव वर्ष का आरंभ भी मलयाली हिंदू धर्म के लोगों के लिए ओणम होता है। केरल के त्रिक्काकरा वामन मंदिर से इस त्योहार की शुरुआत होती है। उसके बाद उथ्रादम पहले दिन और उथ्रादम दूसरे दिन कहते हैं।
इसकी कहानी क्या है जानें
केरल में एक महाबली नामक असुर राजा था उसी की कथा इस पर्व के पीछे है और यह ओणम का पर्व उसके आदर के लिए मनाया जाता है। इसके अलावा इस पर्व का जश्न नई फसल की उपज के लिए भी मनाते हैं। सर्प नौका दौड़ और कथकली नृत्य इस पर्व के दौरान आयोजन किया जाता है और यह अंदाज भी बहुत खास होता है।
ये है ओणम का शुभ मुहूर्त
ओणम उत्सव आरंभ 21 अगस्त 2020
ओणम महोत्सव की अंतिम तिथि: 2 सितंबर 2020
ओणम मुख्य पर्व थिरुवोणम नक्षत्र आरंभ तिथि और समय: 30 अगस्त 2020 दोपहर 01:52
थिरुवोणम नक्षत्र समाप्त: 31 अगस्त 2020 दोपहर 03:04 बजे