लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

महाभारत काल का एकलौता प्राचीन मंदिर जहाँ शनि भगवान के साथ विराजमान है उनकी अर्द्धांगिनी

भारत में शनि भगवान के कई मंदिर है पर आपको जानकर हैरानी होगी की सिर्फ एक ही मंदिर ऐसा है जहाँ शनि भगवान् अपनी पत्नी के साथ विराजमान है।

भगवान् शनि को न्याय का देवता माना जाता है और चाहे इंसान हो या देवता हर कोई इनके प्रकोप से दूर ही रहना चाहता है। भारत में शनि भगवान के कई मंदिर है पर आपको जानकर हैरानी होगी की सिर्फ एक ही मंदिर ऐसा है जहाँ शनि भगवान् अपनी पत्नी के साथ विराजमान है। आईये जानते है इस अनोखे मंदिर के बारे में

शनि भगवान बोमरादेव मंदिर

शनिदेव का ये प्राचीन मंदिर छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के करियामा गाँव में स्थित है। कवर्धा से इस मंदिर की दूरी 15 किलोमीटर है पर मंदिर तक का रास्ता कच्चा और पथरीला होने की वजह से मुश्किल भरा है।

शनि भगवान बोमरादेव मंदिर

पूरे भारत में ये एकलौता ऐसा मंदिर है जहाँ शनि भगवान अपनी अर्धांग्नी के साथ विराजमान है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस मूर्ति की खोज महाभारत काल में हुई थी और तबसे इस मंदिर में श्रद्धालु शनि देव की पूजा अर्चना करने आते है।

शनि भगवान बोमरादेव मंदिर

बताया जाता है की इस मंदिर का निर्माण और मूर्ति की स्थापना पांडवों ने की थी और वनवास काल के दौरान पांडवों ने इस मंदिर के समीप ही भोरमदेव के जंगलों में समय व्यतीत किया था। प्राचीन काल से भक्तों द्वारा तेल चढ़ाये जाने की वजह से मूर्ति पर तेल की परत जम गयी थी और जब एक समय शनि भगवान मूर्ति को साफ़ किया गया तो मूर्ति में शनि देव की पत्नी भी विराजमान थी।

शनि भगवान बोमरादेव मंदिर

भक्तों का इस प्राचीन मंदिर में अटूट विशवास है और कहा जाता है की सच्चेदिल से मांगी हुई मुराद यहाँ पूरी हो जाती है। मशहूर धाम शनि शिगणापुर की तरह ही यहाँ भी हर साल हजारों भक्त आते है। यहाँ महिलाएं और पुरुष सामान रूप से शनि भगवान की पूजा कर सकते है।

शनि भगवान बोमरादेव मंदिर

मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में पूजन करने से वैवाहिक संकटों से मुक्ति मिलती है और शादी ब्याह में आ रही अड़चने भी समाप्त हो जाती है। साथ ही यहाँ तेल अभिषेक करने से शनि की साढ़ेसाती और महादशा में भी भक्तों के जीवन पर सुखमय दृष्टि बनी रहती है।

इन 5 मंदिरों में बरसती है दुर्गा मां की अपार कृपा,चैत्र नवरात्रि में जरुर करें दर्शन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

four × four =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।