कहा जाता है कि तुलसी में भगवान का वास होता है, इसलिए इसे घर के आंगन में लगाया जाता है। इसमें वातावरण की नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने की क्षमता होती है।तुलसी के पौधे का हिंदू धर्म में खास माना जाता। देवी-देवताओं की पूजा में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी के पौधे के अंदर औषधीय और दैवीय दोनों ही गुण हैं। पुराणों में तुलसी को भगवान विष्णु की पत्नी कहा गया है। कहा जाता है कि तुलसी में भगवान का वास होता है, इसलिए इसे घर के आंगन में लगाया जाता है। इसमें वातावरण की नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने की क्षमता होती है।
तुलसी का पौधा किसी भी बृहस्पतिवार को लगा सकते हैं। हालांकि, कार्तिक माह इसके लिए सर्वोत्तम है। ये पौधा शाम को या फिर सुबह के वक्त लगाएंगे तो अच्छा रहेगा। कार्तिक महीने में ही तुलसी का विवाह हुआ था। इसकी पूजा करने और विवाह करवाने से सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। तुलसी का पौधा घर के बीच या आंगन में लगाएं। अगर आपके घर में आंगन नहीं है तो बालकनी में लगा सकते हैं। इसे ऐसी बालकनी में लगाएं जो कि आपके शयनकक्ष से नजदीक हो। रोजाना सुबह उठें और स्नान कर लें। नहाने के बाद सूर्य को जल अर्पित करें और उसके बाद तुलसी के पौधे में भी जल डालें।
रोजाना तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाएं, इससे भी आपको फायदा होगा।
तुलसी के पत्ते हमेशा सुबह ही तोड़ने चााहिए, दूसरे किसी समय में ये पत्ते तोड़ना उत्तम नहीं होता। तुलसी के पत्ते कभी बासी नहीं होते, इन्हें तोड़ने के कई दिनों बाद भी इन्हें पूजा में शामिल किया जा सकता है। इन्हें बार-बार धोकर भी देवताओं को चढ़ा सकते हैं। रविवार के दिन तुलसी तो जल तो चढ़ा सकते हैं लेकिन उसके नीचे दीपक नहीं जला सकते। भगवान गणेश और मां दुर्गा को कभी भी तुलसी ना चढ़ाएं। इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि जहां भी तुलसी का पौधा लगाया गया है, वहां कभी गंदगी ना करें।