गौतमबुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा की एक कालोनी इन दिनों चर्चाओं में बनी हुई है। भारत को आजादी मिले सात दशक से अधिक समय हो गया है। वही, आज भी ग्रेटर नोएडा में एक गली ऐसी है। जो ‘पाकिस्तान वाली गली’ के नाम से पहचानी जाती है। वहा के निवासियों ने निर्णय लिया कि वे अपने इलाके का नाम बदलवाना चाहते हैं। इलाके के निवासियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर अपने इलाके का नाम बदलने की गुहार लगाई है।
सूत्रों के अनुसार विभाजन के दौरान पाकिस्तान से चार परिवार यहां आकर बस गए गए थे। जिसके बाद से इस इलाके को ‘पाकिस्तान वाली गली’ के नाम से जाना जाने लगा। इलाके के निवासयो का कहना है। कि इतने दशकों कि बाद भी ‘पाकिस्तान वाली गली’ वाला कहलाना उनको बिल्कुल भी पसंद नहीं है।
लोगों का कहना है कि उनके पते को देखकर नोकरी नहीं दी जाती। और जहा कही भी हम अपना पता देते है। तो लोग हम पर हसते है। वही ,जिले के अधिकारी भी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराते हैं। लोगों का कहना है कि यह हमारी गलती नहीं है कि हमारे पूर्वज यहां आए और बस गए।
निवासयो ने बताया कि हमारे आधार कार्ड और बाकि कागजात पर भी ‘पाकिस्तान वाली गली’ का नाम दर्ज है। जिसको दिखाने पर हमको रोजगार नहीं मिलता है। हम अपने बच्चों की पढ़ाई पर पैसे खर्च करते हैं,लेकिन क्या होगा जब उन्हें रोजगार नहीं मिलेगा। इसको लेकर हम बहुत परेशान हैं। हमने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से इस कॉलोनी का नाम बदलने और हमें रोजगार दिलाने का आग्रह किया है।
गौतमपुरी के इस वार्ड नंबर 2 में करीब 60-70 घर हैं. इस इलाके में हिदू और मुस्लिम दोनों शामिल हैं। इन दोनों समुदाय के लोग सरकार से इस गली का नाम बदलवाना चाहते हैं।