जिसका जन्म हुआ है उसकी मृत्यु निश्चित है। हर व्यक्ति की मृत्यु का समय तय होता है। जीवन का सबसे बड़ा सत्य है मृत्यु, जिसे कोई टाल नहीं सकता। मौत कब आएगी और किसको अपने साथ लेकर जाएगी इसका किसी को पता नहीं है। लेकिन ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार इंसानों की मौत आने से पहले उनके सामने कई प्रकार के संकेत आने शुरू हो जाते है।
किसी इंसान की मौत कैसे होगी, कब होगी, ये बात कभी कोई नहीं जान सका, लेकिन आज हम आपको मृत्युपूर्व होने वाले कुछ ऐसे आभासों के बारे में जरूर बताने जा रहे हैं।हम सभी इस बात को अच्छी तरह जानते और समझते हैं कि जिसने इस दुनिया में कदम रखा है वह एक ना एक दिन इस दुनिया को अलविदा जरूर कहेगा। कोई कितना ही ताकतवर या धनवान व्यक्ति क्यों ना हो, मौत, एक ऐसा भय है जो अच्छे-अच्छों की नींद उड़ा देता है।
ये हैं मृत्यु से पहले के संकेत
जिसकी मौत उसके निकट होती है वह व्यक्ति
अपनी नाक को देख पाने में असमर्थ महसूस करता है।ऐसा इसलिए होता है क्योंकि
मृत्यु से कुछ समय पहले व्यक्ति की आंखें ऊपर की ओर मुड़ने लगती हैं।
अपनी नाक को देख पाने में असमर्थ महसूस करता है।ऐसा इसलिए होता है क्योंकि
मृत्यु से कुछ समय पहले व्यक्ति की आंखें ऊपर की ओर मुड़ने लगती हैं।
जैसे-जैसे समय बीतता जाता है वह व्यक्ति अपनी नाक को देख पाने में असमर्थ महसूस करता है जिसकी मौत उसके निकट होती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मृत्यु से कुछ समय पहले व्यक्ति की आंखें ऊपर की ओर मुड़ने लगती हैं।
मृत्यु से कुछ समय पहले व्यक्ति को आसमान के चांद में दरार या फिर वो खंडित नजर आने लगता है।
आपकी परछाई आपको नहीं दिख रही है तो यह मृत्यु करीब आने के सूचक माने गए हैं।
जब व्यक्ति के तन का रंग हल्का पीला पड़ने लगे या सफेद तो यह इस ओर इशारा करता है कि व्यक्ति की मौत नजदीक है।
गरुड़ पुराण के अनुसार सामान्यतौर पर अगर हम अपने दोनों कानों को हाथ से बंद कर लेते हैं तो हमें कोई आवाज सुनाई देती है लेकिन जिस व्यक्ति की मौत नजदीक होती है उसे सिर्फ सन्नाटा महसूस होता है।
हिन्दू धर्म में कई ऐसे मंत्र मिलते है, जिससे लोग अपने जीवन में शांति एवं समृद्धि लाते है, हमारे शास्र में महामंत्र कहा जाता है जो लम्बी उम्र, निरोगी काया अकाल मृत्यु से बचने का आशीर्वाद देता है, इस मंत्र को हम “महामृत्युंजय मंत्र” के नाम से जानते है।
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।
बीमार व्यक्ति के लिए, दुर्घटना को टालने के लिए, अनिष्ट ग्रहों के प्रभावों को रोकने के लिए, मृत्यु को टालने और लम्बी उम्र के लिए सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र जप करने का विधान है।