आज के दिन यानी 17 अक्टूबर को सभी सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं जिसे रात के समय चांद देखने के बात तोड़ा जाता है। सभी महिलाएं इस खास दिन का बेसब्री से इंतजार करती हैं और कई दिनों पहले ही करवाचौथ के व्रत की तैयारियां करनी शुरू कर देती हैं।
जो महिलाएं पहली बार करवाचौथ का व्रत रखने वाली हैं उनके लिए व्रत के सभी नियम कायदे जानना सबसे ज्यादा जरूरी है। तो अगर आपका भी करवाचौथ का व्रत पहली बार कर रहीं हैं तो जरूर रखें इन बातों का खास ध्यान।
1.अगर आप भी करवा चौथ का व्रत पहली बार रख रही हैं तो इस दिन सुबह जल्दी उठकर अपने से बड़ों का सबसे पहले आर्शीवाद जरूर लें और अपने व्रत की शुरूआत ऐसे ही करें। ऐसा करने से परिवार में सौभाग्य और समृद्घि बनी रहती है।
2.इस दिन सभी महिलाएं पूरे 16 श्रृंगार करके ही पूजा करने के लिए बैठती हैं जिन महिलाओं का यह पहला करवा चौथ है उन्हें शादी का जोड़ा पहनकर करवा चौथ का पूजन करना शुभ माना जाता है। अगर आप शादी का जोड़ा ना पहन सकें तो लाल साड़ी या लहंगा पहने।
3.अगर आप भी पहली बार करवाचौथ का व्रत रख रही हैं तो इस व्रत में सरगी जरूरी होती है। व्रत शुरू होने से पहले आपकी सास आपको कुछ मिठाइयां कपड़े और श्रृंगार का सामान देती हैं। करवा चौथ के दिन सूर्योदय होने से पहले महिलाएं सरगी खाकर अपने व्रत की शुरूआत करती है। इसके बाद पूरे दिन निर्जला व्रत रखा जाता है और रात को चंद्रमा को अघ्र्य देकर व्रत खोला जाता है।
4.करवाचौथ के व्रत में शिव,पार्वती,कार्तिकेय,गणेश और चंद्रमा की पूजा सबसे ज्याद जरूरी मानी जाती है। इसके बाद चंद्रमा को अघ्र्य देकर पूजा होती है।
पूजा के बाद मिट्टी के करवे में चावल,उड़द की दाल,सुहाग की सामग्री रखते हैं जिसके बाद यह समान सास को पांव छूकर दिया जाता है। यदि सास ना हो तो किसी सुहागिन महिला को ये सुहाग सामग्री भेंट कर सकते हैं।