साईं नाथ ने फकीरों की तरह अपना पूरा जीवन व्यतीत किया। लोगों की मदद साईं बाबा ने अपने कर्मों और चमत्कार से की साथ ही उनकी हर समस्या में वह हमेशा उनके साथ खड़े रहे और विपदा का दूर किया। कभी भी किसी को साईं ने यह नहीं बोला कि उनकी वह पूजा-अर्चना करें लेकिन उन्होंने हमेशा प्रेम ही अपने भक्तों से मांगा।
वैसे हमेशा भक्तों को यही सीख साईं बाबा ने दी है कि जो भी अपने मन में प्रेम और दया रखता है उस पर हमेशा ईश्वर की कृपा बनी रहती है। साईं नाथ ही भक्तों को ऐसी ही बातें सिखाई हैं। अगर आप अपने जीवन में साईं बाबा की इन पांच बातों को मानते हैं तो कभी कोई दुख आपको घेरागा नहीं।
जीवन की खुशहाली का राज है साईं के इन पांच बातों में
1. साईं ने बताया है कि इंसान को कैसा होना चाहिए। साईं हमेशा कहते थे कि घर की नींव को हमेशा हम मजबूत और ठोस बनाते हैं ताकि सालों तक वह घर खड़ा रहे। कोई भी प्राकृतिक आपदा आ जाए लेकिन हमारा वह घर बिल्कुल ना हिले। उसी प्रकार से इंसान पर भी यही नियम लागू होता है। मतलब इस तरह से मजबूत और ठोस एक इंसान की परवरिश होनी चाहिए जिससे वह किसी भी व्यक्ति की बातों और दिखावे में ना आ सके। हालांकि हमेशा वह इंसान अपने सिद्धांतों और उसूलों का पक्का रहे। इस तरह के इंसान पूजनीय बनते हैं।
2. कमल की तरह बनने की सीख हमेशा साईं ने इंसान की दी थी। साईं कहते थे कि सूर्य की किरण कमल पर पड़ने से वह खिल जाता है और उसकी पंखुड़ियां फैलती हैं। उसी प्रकार से ज्ञान और सीख मिलने से एक इंसान कमल की तरह बनना चाहिए। इंसान को अपना हाथ किसी के आगे भी ज्ञान प्राप्त करने के लिए फैला लेना चाहिए। क्योंकि जीवन में एक ही नहीं कई सारे रास्ते ज्ञान से खुल जाते हैं।
3. अपने भक्तों से हमेशा साईं ने कहा था कि क्या नया है दुनिया में? कुछ भी नहीं और क्या पुराना है दुनिया में? कुछ भी नहीं। दुनिया में जो भी है हमेशा है और रहेगा। मगर मनुष्य के लिए हर दिन एक परेशान दिन होगा अगर धैर्य और संतोष न मिले तो। इसलिए जीवन में अपने सर्वप्रथम संतुष्टि को ही विकसित पहले करें।
4. हमेशा भक्तों को साईं ने कहा था कि वह अपने अनुभवों से सीखें। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा था कि हमेशा व्यक्ति को दूसरों के अनुभव को मानना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि एक ज्ञान और अनुभव के आधार पर ही अनुभव भी अध्यात्म की राह दिखाता है। अनुभव के जरिए इंसान सीखता है और विभिन्न प्रकार के अनुभवों से आध्यात्मिक पथ भर जाता है।
5. साईं बाबा ने हमेशा कहा था कि विचारों के परिणाम सभी कार्य होते हैं। अगर बुरा कर्म कोई भी करता है तो फल भी उसके विचारों के आधार पर ही मिलता है। वहीं अगर अच्छा कोई कर्म करता है तो परिणाम भी उसको विचारों के आधार पर मिलेगा। इसलिए व्यक्ति को हमेशा ही शुद्ध और सही अपने विचारों को रखना चाहिए।