शिरडी वाले साईं बाबा की पूजा-अर्चना का विधान गुरुवार के दिन बताया गया है। इस दिन साईं बाबा के लिए भक्त व्रत करते हैं। इतना ही नहीं कीर्तन भी लोग करते हैं। चलिए आपको साईं बाबा के चमत्कार की ऐसे 3 कथाएं बताते हैं जिसे पढ़कर आप भी प्रसन्न हो जाएंगे। ये हैं शिरडी वाले साईं नाथ की अद्भुत चमत्कार की कथाएं।
पहली कथा
मान्यता है कि मस्जिद में रोजाना साईं बाबा दीपक जलाते थे। मस्जिद में दीप जलाने के लिए बनियों के पास ही वह तेल मांगने जाते थे। मगर,साईं बाबा से एक दिन बनियों ने कह दिया कि तेल उनके पास खत्म हो गया है। यह सुनकर वहां से चुपचाप साईं बाबा चले गए। उसके बाद मस्जिद पहुंच कर तेल की बजाय पानी वहां पर दियों में डाल दिया।
अब आप सोच रहे होंगे कि पानी में तो दिए जलते नहीं लेकिन पानी में दिए जले यही तो चमत्कार हुआ। चारो तरफ यह बात फैल गई कि पानी से बाबा ने दिए जलाए। यह बात जानने के बाद बाबा के पास बनिए गए और उन्होंने अपनी मुर्खता के लिए माफी मांगी। हालांकि उन सबको बाबा ने माफ कर दिया लेकिन उनसे कहा कि कभी भी झूठ वह आगे जिंदगी में नहीं बोलेंगे।
दूसरी कथा
साईं बाबा के पास एक भक्त अपनी पत्नी को लेकर उनके पास एक बार आया। उनका वह भक्त काफी दूर से उनके दर्शन के लिए आया था। बहुत तेज बारिश हो गई जब वह भक्त वहां से जाने लगा। भारी बारिश को देखकर वह परेशान हो गया।
बाबा भी अपने उस भक्त को परेशान नहीं देख पाए और उन्होंने कहा कि हे अल्लाह! बारिश को रोक दो,मेरे बच्चों को घर जाना है। उसके बाद ऐसा चमत्कार हुआ जिसे देखकर सब हैैरान रह गए। जैसे ही बाबा ने अल्लाह से कहा बारिश रोक दो बारिश रुक गई। यह चमत्कार देखकर वह भक्त और भी गद्गद हो गया।
तीसरी कथा
एक बच्ची गांव में एक बार खेल रही थी। अचानक कुएं में वह खेलते-खेलते गिर गई। उसके बाद सबने समझा कुएं में वह डूब रही है। मगर,कुएं के पास जब सब दौड़कर गए तो हवा में बच्ची लटकी हुई दिखाई दी। ऐसा लग रहा था कि उसे किसी अदृश्य शक्ति ने पकड़ लिया हो।
वह अदृश्य शक्ति बाबा ही खुद थे जिन्होंने बच्ची को कुएं में गिरने से रोक दिया। उसके बाद हमेशा से बच्ची ने यह कहा कि बाबा की वह बहन है। हालांकि किसी स्पष्टीकरण की जरूरत लोगों को इसकी नहीं हुई।