धार्मिक मान्यताओं के अनुसार न्याय का देवता शनि देव को कहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि व्यक्ति के कर्मों के हिसाब से शनि देव फल देते हैं। जिन व्यक्तियों पर बुरी नजर एक बार शनि देव की पड़ जाती है उन्हें कई परेशानियों का सामना जीवन भर करना पड़ता है।
शनि देव की पूजा शनि देव के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए करनी चाहिए। धार्मिक शास्त्रों में कुछ बातें बताई गयीं हैं शनि देव की पूजा के दौरान विशेष तौर पर याद रखने की। चलिए आपको शनि देव की पूजा के कुछ खास नियमों के बारे में बताते हैं।
शनि देव की पूजा पश्चिम दिशा में करें
हिन्दू धरम में कहा गया है कि दिशा का भी बहुत अधिक शनि पूजा में महत्व होता है। पश्चिम दिशा का स्वामी शनि देव को कहा जाता है। इसलिए व्यक्ति को पश्चिम दिशा की तरफ मुंह करके पश्चिम दिशा की तरफ करनी चाहिए।
नहीं देखना चाहिए शनिदेव की आंखों में
शनि की कुदृष्टि जिस व्यक्ति पर पड़ जाती हैं तो कई सारी समस्याओं का सामना उनको जीवन भर करना पड़ सकता है। इसलिए शनिदेव की आंखों में कभी नहीं देखना चाहिए। हिन्दू धर्म के मुताबिक, शनि देव की पूजा भी शनिदेव की मूर्ति के सामने खड़े होकर नहीं करनी चाहिए।
काला तिल शनि देव को चढ़ाएं
काले तिल का प्रयोग शनिदेव की पूजा में करना चाहिए। हिन्दू धर्म के मुताबिक, शनि दोषों से मुक्ति शनिदेव को काला तिल अर्पित करने से मिलती है साथ ही सभी मुरादें पूर्ण होती है।
लाल फूल का इस्तेमाल शनि देव की पूजा में नहीं करना चाहिए
लाल रंग के फूल का इस्तेमाल शनि देव की पूजा में नहीं करना चाहिए। शनि पूजा में लाल फूल के साथ लाल रंग का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, मंगल का प्रतीक लाल रंग होता है और मंगल और शनि शत्रु हैं। लाल रंग का इस्तेमाल इसी वजह से शनि पूजा में किया जाता है। नीले और काले रंग का प्रयोग शनि पूजा में करना चाहिए।
लगाएं खिचड़ी का भोग
शनिदेव को प्रसन्न करने से खिचड़ी का भोग लगाना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, शनि के अशुभ प्रभाव अगर आप पर हैं तो खिचड़ी का भोग शनिदेव को लगाएं। अशुभ प्रभावों से मुक्ति ऐसा करने से मिलती है।