29 सितंबर से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रहे हैं। हिंदू धर्म में नवरात्रि का खास महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक नवरात्रि में देवी मां कैलाश पर्वत से अपने मायके धरती पर अगमन करती हैं। जरूरी बात ये है कि इस बार नवरात्रि पर दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस बार नवरात्रि के पवन अवसर पर सर्वार्थसिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग एक साथ बन रहे हैं। मान्यता है कि सर्वार्थसिद्धि योग बहुत शुभ है। इस योग में पूजा-अर्चना करने से दोगुना फल मिलता है।
नौ दिन नवरात्र
माता रानी के भक्तों को इस बार माता की उपासना करने के लिए पूरे नौ दिन का वक्त मिलेगा। खास बात यह है कि नवरात्रि में दो सोमवार पड़ रहे हैं जिसे बहुत शुभ बताया जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सोमवार को देवी मां की पूजा-अर्चना करने से कई गुना अधिक फल की प्रप्ति होती है। बताया जा रहा है कि इस बार नवरात्रि में नौ दिनों में 6 दिन खास योग बनने वाले हैं। जो बेहद शुभ और फलदायी रहने वाला है।
7 अक्टूबर को नवमी 12.38 बजे तक मनाई जाएगी। जबकि दशमी 8 अक्टूबर को दोपहर 2.01 बजे तक रहने वाली है। वहीं ज्योतिष जानकारों का कहना है कि यह बेहद शुभ होगा।
कलश स्थापना का समय
इस बात से हम सभी लोग वकीफ हैं कि इस बार नवरात्रि 29 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। इस दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6बजकर16 मिनट से 7:40 बजे तक रहने वाला है। इसके अलावा जो लोग सुबह के समय में कलश स्थापना करने में असमर्थ हैं ऐसे लोग दिन में 11:48 बजे से 12:35 बजे तक कलश स्थापना कर सकेंगे।
कलश स्थापना से जुड़े खास नियम
-ध्यान रखें कलश स्थापना शुभ मुहूर्त पर ही करें।
-कभी भी कलश का मुंह खुला ना रहनें दें। यदि आप कलश को किसी ढक्कन से ढक रहे हैं तो उस ढक्कन को भी चावलों से भर दें। साथ ही इसके बीचों-बीच एक नारियल भी रख दें।
-पूजा करने के बाद देवी मां को दोनों समय लौंग और किसी मीठी चीज का भोग लगावें
-देवी मां को लाल फूल बहुत प्रिय हैं,लेकिन गतली से भी माता रानी को आक,मदार,दूब और तुलसी ना चढाएं।