आज नवरात्रि का छठा दिन है। इस दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इनकी पूजा करने से विवाह संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। इसके अलावा जिन भी लोगों की शादी होने में परेशानी हो रही होती है ऐसे लोग यदि देवी कात्यायनी की विधि पूर्वक पूजा कर लें तो शीध्र ही उन लोगों की शादी हो जाती है।
मां दुर्गा के छठे स्वरूप का नाम कात्यायनी इस वजह से…
पौराणिक कथाओं के मुताबिक देवी कात्यायनी कात्यायन ऋषि की तपस्या से खुश होकर उनके घर जन्म लिया था। इसलिए इस देवी का नाम कात्यायनी हो गया। कात्यायनी देवी की चार भुजाएं हैं। देवी कात्यायनी के एक हाथ में तलवार और दूसरे में फूल कमल है। जबकि अन्य दो हाथ वरमुद्रा और अभयमुद्रा में है। इनका वाहन सिंह है।
कात्यायनी पूजा-विधि…
देवी कात्यायनी की पूजा अर्चना गोधूली बेला के वक्त करनी चाहिए। देवी कात्यायनी की पूजा करते समय पीले या लाल कपड़े पहनने चाहिए। माता कात्यायनी को पीले फूल और पीले रंग की मिठाई चढ़ानी चाहिए। वैसे देवी कात्यायनी को शहर अर्पित करना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है।
ज्योषित शास्त्र के मुताबिक मां कात्यायनी का संबंध बृहस्पति ग्रह से है। इस वजह से महिलाओं की शादी में आने वाली किसी भी परेशानी के लिए देवी कात्यायनी की पूजा करनी चाहिए क्योंकि इनकी पूजा करना अत्यंत शुभकारी माना गया है। इसके अलावा दाम्पत्य जीवन से संबंध होने की वजह से इनका संबंध शुक्र से भी है।
मां कात्यायनी की पूजा से विशेष लाभकारी…
मां कात्यायनी की पूजा करने से जल्दी ही शादी के योग बन जाते हैं। इतना ही नहीं बल्कि देवी कात्यायनी की पूजा से मनचाहा विवाह और प्रेम विवाह भी सम्पन्न हो जाता है।
यदि शादीशुदा जीवन में आप खुशहाली चाहते है तो आप नवरात्रि में मां कात्यायनी की पूजा जरूर करें। यही नहीं अगर आपकी कुंडली में विवाह योग में किसी प्रकार के दोष हैं तो मां कात्यायनी की पूजा करने से वो जल्द ही दूर होंगे।