हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा अर्चना का विधान सोमवार का दिन माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि भोलेनाथ की पूजा अगर भक्त सच्चे मन से करते हैं तो शिव शंकर उनकी मनचाही मुराद पूर्ण करते है। अधिकतर लोग भोलेनाथ के लिए सोमवार का व्रत भी रखते हैं।
शिव चालीसा या शिवाष्टक का पाठ भोलेनाथ की पूजा के दौरान करना होता है। किसी भी तरह की कोई गलती आपको शिवजी की पूजा के दौरान नहीं करनी चाहिए। मान्यता है कि गलती बिल्कुल भी भोलेनाथ को पूजा के समय नहीं पसंद है। इसलिए कुछ चीजों का विशेष ध्यान सोमवार को पूजा के समय करना चाहिए। चलिए आपको भी भोलेनाथ की पूजा के दौरान कुछ विशेष बातों के बारे में बताते हैं।
भूलकर भी ये चीजें न चढ़ाएं शिवजी को
केतली के फूल भोलेनाथ को नहीं चढ़ाएं। इसके अलावा उन्हें तुलसी के पत्ते भी नहीं समर्पित करें। शंख से जल भी शिव जी को नहीं अर्पित करना चाहिए। तिल भी नहीं चढ़ाना चाहिए। हल्दी और कुमकुम भी भोलेनाथ को पूजा में नहीं चढ़ाएं।
बेहद प्रिय हैं शिवजी को यह चीजें
अगर आप चावल शिवजी को पूजा में चढ़ाएं तो ध्यान रखें कि दाने टूटे नहीं हों। शिव शंकर को नारियल चढ़ाना चाहिए। दरअसल उन्हें नारियल बहुत पसंद होता है। ध्यान रहे कि काले कपड़े शिवजी की पूजा के समय नहीं पहने चाहिए। शिवजी को केसरिया, पीला,लाल और सफेद रंग बहुत पसंद है तो पूजा के समय इस रंग के कपड़े पहने।
भोलेनाथ की पूजा ऐसे करें
शिवजी को बेलपत्र बहुत प्रिय है। इसलिए पूजा के समय बेलपत्र उन्हें चढ़ाना चाहिए। बेलपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाएं। शिवलिंग पर दूध सोमवार के दिन मंदिर में जाकर अर्पित करें।
तांबे के बर्तन से दूध चढ़ाना चाहिए। दूध अर्पित करते समय ॐ नमो धनदाय स्वाहा के मंत्र का जाप करना चाहिए। रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जाप करना चाहिए। 11 बार मंत्र का जाप माला से करें। साथ की शिवजी की आरती और चालीसा का पाठ पढ़ें।