भिंड : मध्यप्रदेश के भिंड में फर्जी दस्तावेजों से संविदा शाला शिक्षक बनने वाले छह शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है। इससे पहले 49 शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) सपना निगम ने कल इन शिक्षकों पर कारवाई करते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया। बताया गया है कि प्रशासन अब भिण्ड और अटेर जनपद में नौकरी कर रहे ऐसे संदिग्ध शिक्षकों पर शिकंजा कसेगा।
हालांकि प्रशासन के पास इनका कोई रिकार्ड नहीं है। भिंड जिले में वर्ष 2006, 2009 और 2011 में हुई संविदा शाला शिक्षक भर्ती में बडे स्तर पर गडबडी हुई थी। वर्ष 2014 में जब यह मामला खुला तो तत्कालीन कलेक्टर एम सिबि चक्रवर्ती ने मामले की जांच कराई। जिले में 73 शिक्षकों का भर्ती रिकार्ड संबंधित जनपद पंचायतों में नहीं मिला।
वहीं यह मामला ग्वालियर हाईकोर्ट तक पहुंच गया। इसके बाद प्रशासन ने शक के दायरे में इन शिक्षकों से उनके मूल दस्तावेज मांगे। साथ ही उनका वेरीफिकेशन कराया गया। इसमें 49 शिक्षक ऐसे मिले जिनके व्यापमं की अंकसूची का वेरीफिकेशन कराने पर वह किसी दूसरे परीक्षार्थी के नाम के निकले।
वहीं कुछ शिक्षकों की व्यापमं की अंकसूची में अंकों की हेराफेरी की गई। इसके अलावा डीएड-बीएड के अंक पाने के लिए भारतीय पुनर्वास परिषद दिल्ली, शिक्षा परिषद लखनऊ की फर्जी अंकसूचियां लगाई गयी। जांच में इन शिक्षकों पर दोष सिद्ध होने पर जिला पंचायत सीईओ सपना निगम ने 49 शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी थी। वहीं 17 शिक्षकों की जांच चल रही थी। इसमें छह शिक्षकों की भी इसी तरह की गडबडी मिलने पर कल जिला पंचायत सीईओ ने उन्हें भी बर्खास्त कर दिया है।
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