किसी से प्यार होना एक अलग ही तरीके का एहसास दिलाता है। यही नहीं जब किसी से प्यार होता है तो उससे अच्छा कुछ और शायद ही कुछ और लगता है। प्यार में अक्सर नींद उड़ जाना और भूख-प्यास लगना बंद हो जाना आम बात है। लेकिन वहीं जब दिल टूट जाता है तो फिर कुछ अच्छा ही नहीं लगता है। पर क्या कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि प्यार होते ही ऐसा क्यों होने लगता है? इन सब चीजों के पीछे सिर्फ और सिर्फ एक वजह हॉर्मोन है। तो आइये जानते प्यार वाले हॉर्मोन के साथ शरीर में मौजूद कौन सा हॉर्मोन क्या करता है।
क्या हैं प्यार वाले हॉर्मोन ?
जब हम किसी की तरफ आकर्षित होते है तो शरीर में डोपामीन की मात्रा बढ़ने लगती है और दिल भी धक-धक करने लगता है। वहीं किसी के साथ रिलेशनशिप में होने पर सेरेटोनिन हमे अच्छा महसूस कराता है। साथ ही किसी को प्यार से छू लेने पर ऑक्सीटोसिन निकलने लगता है और ये दो लोगों के बीच में विश्वास कायम करने में बड़ी भूमिका निभाता है और फिर जब रिश्ता ख़त्म हो जाता है तो ऐसी स्थिति में सिर्फ बुरे ख्याल मन में आते हैं क्योंकि तब ऑक्सीटोसिन और डोपामीन दोनों की ही मात्रा घटने लगती है। साथ ही हम उदास महसूस करने लगते हैं। दरअसल, हमारी खुशी से लेकर गुस्से तक की वजह हॉर्मोन पर डिपेंड करती है।
बता दें, हार्मोन विभिन्न प्रकार के होते हैं और सभी का काम बॉडी में अलग-अलग ही होता है। हमारी हाइट बढ़ाने का काम करते हैं सोमेट्रोपीन, सेक्स हॉर्मोन होते हैं महिलाओं में एस्ट्रोजन और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन इसके अलावा डोपामीन और मेलाटॉनिन हमारी नींद का ख्याल रखते हैं।
वह हार्मोन पेनक्रियाज, किडनी, टेस्ट, ओवरी, थायमस, थायराइड और दिमाग में मौजूद पीनियल ग्लैंड से भी बाहर आते है। दिमाग में एक पिट्यूटरी ग्लैंड होता है जिसका काम बॉडी में मौजूद सभी हॉर्मोन को रेगुलेट करने का होता है। देखा जाये तो हॉर्मोन तन को मन से जोड़ने का काम करते हैं और इसी वजह से प्यार तन और मन से होता है।