देश में आरिफ और सारस की कहानी को कौन नहीं जनता है। आपको भी याद हो जब सारस घायल अवस्था में आरिफ को खेत में मिला था तब आरिफ ने उसकी जान बचाई थी। सही हो जाने के बाद सारस आरिफ के साथ ही रहने लगा। जब मन होता सारस उड़ जाता और जब मन होता आरिफ के पास आ जाता था, लेकिन कुछ महीने पहले दोनों की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई जिसके कारण वन विभाग के लोग सारस को अलग करके समसपुर पक्षी विहार ले गए परन्तु वहां सारस रुका नहीं अलगे दिन वो उड़ के पास के गाँव में जा पंहुचा। अब ये भी बताया जा रहा है कि सारस की हालत खराब हो रही है क्योकि वो आरिफ से दूर है।
आरिफ पर FIR क्यों की गई थी?
लेकिन एक सवाल उठता है कि आरिफ पर FIR क्यों की गई थी। आपको ध्यान होने चाहिए कि कुछ जानवर ऐसे है जिनको पालने पर जेल भी जाना पड़ सकता है। इन जानवरो की लिस्ट में सारस भी आता है। यहीं वजह है कि आरिफ को सारस रखने पर FIR का सामना करना पड़ा। आरिफ पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के उल्लंघन आरोप में धारा 2, 9, 29, 51 और धारा 52 के तहत केस दर्ज किया गया था ।
आरिफ की गलती
आरिफ की गलती ये थी कि उसने घायल सारस मिलने पर पुलिस या वन विभाग को नहीं बतया। जबकि वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम की धारा 39 के तहत उसको ये काम पहले करना चाहिए था। ध्यान में रखे की जिन भी जानवरो को संरक्षित किया गया है उनको घर में रखना या खाना आदि देना मना है।
भारत में कौन-कौन से जानवर पाल सकते है?
कानून के मुताबिक कुत्ता, बिल्ली, गाय, भैस, बकरी, कबूतर (कुछ विशेष), भेड़, खरगोश, मुर्गा, छोटी मछली आदि को कम बिना किसी रोक-टोक के पाल सकते है। लेकिन अगर कोई भी संरक्षण में आए जानवरों को पलता है तो उसके ऊपर क़ानूनी करवाई हो सकती है।
पशु या पक्षी पालने के क्या कोई नियम है?
अब आपके लिए यह आवश्यक होगा कि आप नगर निगम को उन जानवरों के बारे में सूचित करें जिन्हें आप रखना पसंद करते हैं। पंजीकरण के लिए वार्षिक शुल्क का भुगतान भी आवश्यक होगी। आप किसी भी जानवर को अपने घर में तब तक नहीं रख सकते जब तक आप उनका पंजीकरण नहीं कराते। वन विभाग के फैसले के मुताबिक शहर के सभी पशुपालकों को हर साल मवेशी या अन्य जानवरों को रखने के लिए अपने लाइसेंस का नवीनीकरण कराना होगा। कानून यह भी कहता है कि पक्षियों को पिंजरों में नहीं रखा जा सकता है और उन्हें उड़ने का मौलिक अधिकार है। उन्हें आसमान में छोड़ने की जरूरत