आम आदमी के दिमाग में पुलिसवालों के प्रति एक छवि बनी हुई है जिसे नकारा नहीं जा सकता। पुलिस की छवि अब अच्छी है या बुरी ये तो इंसान के नजरिए से पता चलता है। इसी बीच कोलकाता पुलिस का एक मामला सामने आया है। जिसे सुनने के बाद अब शायद लोग अपनी सोच को बदलने की कोशिश जरूर करेंगे।
कोलकाता के एक पुलिसकर्मी ने 10वीं क्लास की छात्रा की ऐसी मदद की जिससे वह पेपर देने में सफल रही। बता दें कि वह छात्रा घर पर अपना एडमिट कार्ड भूल आई थी और 5 किलोमीटर की दूरी पर उसका घर था। उस पुलिसकर्मी ने छात्रा की मदद करके सबका दिल जीत लिया।
विस्तार से बताते हैं
कोलकाता का यह मामला है। एक छात्रा अपने 10वीं बोर्ड का पेपर एक ट्रैफिक पुलिस सार्जेंट की मदद से दे पाई है। इस बात की जानकारी कोलकाता पुलिस ने दी और कहा कि छात्र दसवीं बोर्ड का गणित का एग्जाम पुलिसकर्मी की मदद से दी पाई। इस छात्रा का नाम सुमन बताया जा रहा है। दरअसल सुमन घर पर अपना एडमिट कार्ड भूल आई थी। उसे अपना एडमिट कार्ड तब याद आया जब वह परीक्षा केंद्र पर पहुंच गई थी। वहां पर सुमन को दाखिल नहीं किया जा रहा था।
पुलिसकर्मी नजदीक पर तैनात था
परीक्षा केंद्र के नजदीक में ट्रैफिक पुलिस सार्जेंट चेतन्य मलिक तैनात थे उनके पास जाकर छात्रा ने अपनी परेशानी बताई। जैसवाल विद्यामंदिर फोर गर्ल्स मणिकतल्ला में सुमन का एग्जाम था। साहित्य परिषद स्ट्रीट पर खन्ना क्रॉसिंग के पास उसका घर था। सुमन की मां से मलिक ने बात की और वह उसके घर पहुंचे। मलिक एडमिट कार्ड वहां जाकर लिया और सुमन को आकर दिया।
शुक्रिया अदा किया सुमन ने
उसके बाद अपना पेपर फाइनली सुमन ने दिया। मलिक को उसकी मदद करने के लिए सुमन ने शुक्रिया अदा किया और कहा कि उसका पेपर उनके कारण ही वह दे पाई।