पुलिसकर्मियों ने कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच आगे बढ़कर मदद कर रहे हैं उन्हें पुरी दुनिया याद रखेगी। स्वास्थ्यकर्मी, सफाईकर्मी और मीडियाकर्मी ये सब कोरोना वॉरियर्स जो हर व्यक्ति का ध्यान इस समय दिल से रख रहे हैं उनके इस योगदान को हम दिल से सलाम करते हैं और शुक्रिया करते हैं। इसी बीच तमिलनाडु से एक ऐसी ही खबर सामने आयी है। एक गर्भवती महिला की जान यहां के एक पुलिसकर्मी ने खून दान दे कर बचाई है।
जानिए पूरा मामला
एक रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु के त्रिचि का यह मामला है। 25 साल की सुलोचना अस्पताल पति और एक रिश्तेदार के साथ इलाज कराने जा रही थी। तभी कॉन्स्टेबल एस सैयद अबू ताहिर उन्हें रास्ते में मिला जिन्होंने उन्हें रोक लिया। उसके बाद जब पूछ्ताछ करी तो उन्हें पता चला कि अस्पताल जल्दी उन्हें पहुंचने के लिए गाड़ी की आवश्यकता है।
टैक्सी को बुलवाया
सुलोचना के लिए पहले अबू ताहिर ने टैक्सी को बुलाया। उनके अस्पताल जाने का पूरा इंतजाम किया। जब सुलोचना अस्पताल पहुंची तो पता चला कि रक्त की आवश्यकता उन्हें है। तभी पता चला की ब्लड ग्रुप ओ-पॉजिटिव सुलोचना का है।
रक्त दान भी बाद में दिया
अस्पताल पहुंचने के बाद अबू ताहिर को पता चला कि अरजेंट ही खून सुलोचना को चाहिए था। किसी से भी उसका ब्लड ग्रुप मैच नहीं हो रहा था। हालांकि ब्लड ग्रुप अबू ताहिर का ओ-पॉजिटिव ही था। फिर अस्पताल वह रक्त देने के लिए चले गए।
पता नहीं क्या होता अगर वो नहीं होते
इस पर सुलोचना के पति Ezhumalai ने कहा कि अगर सही मौके पर मदद के लिए वह पुलिसकर्मी नहीं आते तो पता नहीं क्या हो जाता। उन्होंने आगे कहा कि आज सुलोचना और मेरी बच्ची स्वस्थ है तो केवल उनकी बदौलत। पुलिस से पहले मुझे डर लगता था लेकिन अब मेरी सोच इस पुलिसकर्मी ने पूरी तरह से बदल दी। बता दें कि साल 2017 में पुलिस सेवा एस सैयद अबू ताहिर ने ज्वाइन की है। एसपी जिया उल हक से भी उन्हें पुरस्कार मिला हुआ है।