बीते शनिवार को यूएई की राजधानी अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का शिलान्यास कार्यक्रम रखा गया और इस कार्यक्रम में सैंकड़ों लोग पहुंचे थे। बता दें कि अबू धाबी केइस पहले हिंदू मंदिर की स्थापना बोचासंवासी श्री अक्षर-पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था कर रही है। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता लगभग चार घंटे तक इस संस्था के आध्यात्मिक प्रमुख महंत स्वामी महाराज ने की। इस कार्यक्रम के बाद पवित्र ईंटें मुख्य पूजा स्थल पर रखी गईं।
अबू धाबी में बना रहा है पहला हिंदू मंदिर
इस अवसार पर यूएई में भारतीय राजदूत नवदीप सूरी ने खाड़ी देश को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से बधाई दी और उनका बयान भी पढ़कर सुनाया।
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प्रधानमंत्री मोदी के हवाले से भारतीय राजदूत नवदीप सूरी ने कहा कि 130 करोड़ भारतीयों की और से प्रिय मित्र और अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को शुभकामनाएं देना उनका सौभाग्य है।
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सूरी ने आगे कहा कि निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद यह मंदिर सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों और आध्यात्मिक नैतिकता का प्रतीक होगा जो भारत तथा यूएई दोनों की साझा विरासत है।
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भारतीय राजदूत नवदीप सूरी ने कहा कि मंदिर वसुधैव कुटुम्बकम यानी पूरी दुनिया एक परिवार है, के वैदिक मूल्यों का प्रतीक है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हवाले से नवदीप सूरी ने कहा, मुझे यकीन है कि यह मंदिर यूएई में रहने वाले 33 लाख भारतीयों और अन्य सभी संस्कृतियों के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत होगा।
Proud to share moment of Foundation Stone laying ceremony of First Hindu Temple in Abu Dhabi, UAE. Proud to be Indian..!@narendramodi @PMOIndia @BJP4India @AmitShah @ShelarAshish @BJP4Maharashtra @TOIIndiaNews @LoksattaLive @MiLOKMAT @dna @ShivSena @AUThackeray pic.twitter.com/LhTuCsuA1T
— Pradeep Pande (@pradeep1182) 21 April 2019
साल 2015 में मोदी की यूएई देश में पहली यात्रा थी उस समय अबू धाबी में मंदिर बनाने की योजना को स्थानीय सरकार ने मंजूरी दे दी थी।
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इस मंदिर के सांस्कृतिक परिसर में आर्ट गैलरी, हॉल, लाइब्रेरी और जिम का भी निर्माण किया जाएगा। इसमें संयुक्त अरब अमीरात में सात टावरों होंगे तो सात समुद्रों का प्रतिनिधित्व करेंगे और अबू धाबी-दुबई राजमार्ग के करीब, अबू मूरिखा में 14 एकड़ भूमि पर आएगा। मंदिर के पत्थर पहले भारत में मंदिर के कारीगरों द्वारा बनाए जाएंगे और फिर संयुक्त अरब अमीरात में जाकर उन्हें लगाया जाएगा।