गांव एक ऐसी जगह हैं जहा पहुँच कर किसी भी इंसान का मन खुद को ढूंढ पाता हैं। शहरों की भीड़-भाड़ वाली ज़िन्दगी से दूर थोड़े दिन के लिए टेक्नोलॉजी से दूर होकर अपने लोगो के बीच में बैठकर उनसे ज़िन्दगी की बातें करना छोटो के साथ हंसी-मज़ाक तो वही बड़ो से ज़िन्दगी की सीख लेना गांव में जाकर एक इंसान इन सभी चीज़ो का खुलकर आनंद उठा पाता हैं। लेकिन आज हम आपको ऐसे ही पांच गावों के बारे में बताएंगे। यह गांव कोई सामान्य गांव नहीं है। इन गावों को विश्व स्तर पर ख्याति मिली हुई है। यूनाइटेड नेशन्स वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से 2022 में इन्हें बेस्ट टूरिज्म विलेज (Best Tourism Village) के खिताब से सम्मानित किया गया था। आइए आपको बताते हैं इन गांवों की खासियत…
जेल एम सी टाउन
ऑस्ट्रिया के जेल एम सी टाउन को खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। साल्जबर्ग के दक्षिण में यह गांव जेल झील के किनारे बसा हुआ है। यह खूबसूरत गांव पर्यटकों को आकर्षित करता है। करीब 80 मील में फैले इस गांव में स्की रिसॉर्ट है। सुंदर पहाड़ियों और वनों से यह गांव सजा है। इस गांव में प्राकृतिक सुंदरता देखने को मिलती है।
वाग्रेन टाउन
ऑस्ट्रिया का वाग्रेन टाउन भी पर्यटकों को आकर्षण का केंद्र है। यह गांव ऊंची घाटी के बीच बसा है और नदी के किनारे स्थित है। लगभग आठ महीने तक यह गांव बर्फ की चादर से ढका रहता है। सूर्य की रोशनी में बर्फ ऐसे चमकती है जैसे आसमान में तारे। दुनियाभर के लोग यहां पर छुट्टियां मनाने के लिए आते हैं।
पुक्वेल्डन गांव
चिली में चिलो द्वीप समूह पर पुक्वेल्डन गांव बास हुआ है, जिसे लेमुय द्वीप के नाम से भी जाना जाता है। इस खूबसूरत गांव में तीन विश्व विख्यात चर्च हैं। यह चर्च लकड़ी से बने हैं। इनको यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में भी शामिल किया गया है। माना जाता है कि इस गांव में कोई बेरोजगार नहीं है। यहां पर हमेशा पर्यटक आते हैं।
दाझाई गांव
चीन में स्थित दाझाई गांव सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों के रूप में शामिल है। करीब 1100 मीटर की ऊंचाई पर यह गांव बसा है, जो प्रमुख पर्यटन स्थल है। इस गांव में लोग छतों पर खेती करते हैं और एक-एक इंच घर का पूरा इस्तेमाल करते हैं। यहां की पारंपरिक वास्तुकला लोगों को आकर्षित करती है।
जिंगझू गांव
चीन का जिंगझू गांव भी बेहद खूबसूरत है। यहां पर खूबसूरत तरीके से खेती की जाती है जिसे देखने के लिए लोग आते हैं। इस गांव पर अभी भी बाहरी लोगों का असर नहीं है। इस गांव में पारंपरिक तरह से खेती की जाती है।