चोरी के बाद की चोरी को स्वीकार करने वाला चोर बहुत कम देखा जाता है। वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर मंदिर के नाम एक चोर की चिट्ठी वायरल हो रही है। यह भुवनेश्वर के ओडिशा शहर से संबंधित है। चोर ने दावा किया कि सबूत के तौर पर उसने 2014 में इस स्थान के गोपीनाथपुर गांव के मंदिर से धार्मिक श्रृंगार चोरी किया था। लेकिन अब चोर द्वारा गहने वापस मंदिर को दे दिए गए हैं।
एक पत्र जिसकी तस्वीर वायरल हो गई है। चोर ने सारे गहने मंदिर के पास रख दिए। यह समझाने के साथ कि वह गहने क्यों लौटा रहा है और जुर्माने की रकम को खेद व्यक्त करते हुए छोड़ रहा है। चोर ने पत्र में अपनी पूरी कहानी रखी है।बांसुरी, झुमके, मुकुट, और देवता के कंगन, आदि कथित तौर पर मंदिर से चोरी हो गए थे।
इसके बाद घटना को लेकर पुलिस में प्राथमिकी भी दर्ज की गई, लेकिन पुलिस चोर को पकड़ने में नाकाम रही। इन गहनों की कीमत करीब 4 लाख रुपये थी। हालांकि गहने चोर ने दो दिन पहले मंदिर के बाहर रख दिए थे।
चोर ने जेवर लौटाने के साथ ही अंग्रेजी में पत्र भी भेजा। इसमें कहा गया है, ‘मैंने 301 रुपए आभूषण के साथ रखे हैं, जिसमें 201 रुपए मंदिर के हैं और 100 रुपए जुर्माने के तौर पर रखे गए हैं।’ गहने चुराने के बाद, मुझे कई बुरे सपने आए। मैंने गहने लौटाने का फैसला इसलिए किया क्योंकि मेरे जीवन में कई समस्याएं थीं। लेकिन इसमें मैंने अपना नाम और पता छोड़ दिया है।
मंदिर के पुजारी ने 2014 में चोरी हुए गहनों के बारे में बात करते हुए बताया कि भगवान के गहने बेहद महंगे थे। चोरी हो जाने के बाद वे लौट आएंगे, इसकी उम्मीद नहीं थी। उसने दावा किया कि चूंकि चोर को भगवान ने दंडित किया था, इसलिए उसे गहने वापस करने पड़े।