वैज्ञानिकों ने पर्यावरण प्रदूषण के लिए जिम्मेदार एक बड़ी समस्या के निदान में कामयाबी पाई है। ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी ऑफ पोट्समाउथ के रिसर्चर जब कॉलेज लैब में अध्ययन कर रहे थे तो उनके साथ एक अनोखी घटना घटी। बैक्टीरिया अध्ययन के दौरान उन्होंने एक ऐसा एंजाइम विकसित किया जो प्लास्टिक के अस्तित्व को खत्म कर सकता है। इस बैक्टीरिया को वह जापान के वेस्ट रिसाइकलिंग सेंटर से लेकर आए थे। जो उन्हें वहां कचरे के ढेर में मिला था। फिर वैज्ञानिकों ने इस बैक्टीरिया पर शोध करना शुरु किया पर तमाम कोशिशों के बाद भी वह उसकी संरचना के बारे में कुछ पता नहीं कर पाए। वहीं लैब में प्रयोग करते हुए वैज्ञानिकों से एक गलती हो गई और इसी गलती से उन्हें एक नया ‘प्लास्टिक ईटिंग फॉर्मूला मिल गया।”
इस एंजाइम की सबसे खास बात यह है कि जो प्लास्टिक समुद्रों और मिट्टी में घुलकर खत्म होने में सैंकड़ों साल लगा देता है उसे यह कुछ दिनों में ही खाकर खत्म कर सकता है। ‘प्लास्टिक ईटिंग एंजाइम’ को विकसित करने का काम भी शुरु हो चुका है और अगर यह प्रक्रिया सफल रही तो दुनिया भर में प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को रोका जा सकेगा।
पेटेज सामान्य रूप से इस्तेमाल होने वाली पॉलीइथाइलीन टेरेफेथैलेट (पीईटी) नामक प्लास्टिक की रासायनिक बनावट को तोड़ने में सक्षम है और उसे उसके बुनियादी स्वरूप में बदलने में भी सक्षम है।
पीईटी को पानी और कोल्ड ड्रिंक्स की बोतलें बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। इन्हें इस्तेमाल के बाद फेंक दिया जाता है, जिससे कचरा फैलता है। येनॉन बायोडेग्रेडेबल होने के कारण पर्यावरण को खतरा पहुंचाते हैं।
अभी तक प्लास्टिक की बोतलों को रिसाइकिल करना संभव नहीं था। दरअसल अभी तक बोतलों को रिसाइकिल करके बोतलें बनाने से उनकी गुणवत्ता कम हो जाती है लेकिन इस नए एंजाइम पेटेज से प्लास्टिक बोतलों को गुणवत्ता के साथ रिसाइकिल किया जा सकता है।
हमारी मुख्य खबरों के लिए यहां क्लिक करे।