हाल ही में कर्नाटक के बाढग़्रस्त इलाके से एक वीडिया सामने आया है,जिसे अब सोशल मीडिया पर खूब देखा जा रहा है। इस वीडियो में एक छोटा करीब 12 साल का बच्चा अपनी जान की परवाह किए बिना एंबुलेंस को रास्ता दिखाता हुआ नजर आ रहा है। ये बच्चा रायचूर जिले के हीरेरायनकुंपी गांव का रहने वाला है।
खबरों के अनुसार उस वक्त एम्बुलेंस में 6 बीमार बच्चों साहित एक मृत महिला का शव भी था। इस बच्चे की बहादुरी को देखते हुए प्रशासन ने उसे 73 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पुरस्कार देकर सम्मानित किया है।
Raichur: Deputy Commissioner Sharat B today felicitated 12-year-old Venkatesh who guided an ambulance out of a flooded bridge. #Karnataka pic.twitter.com/YWpyXzTCcI
— ANI (@ANI) August 15, 2019
इस वायरल वीडियो में 12 वर्षीय वेंकटेश एंबुलेंस के आगे-आगे करीब कमरभर पानी में भी दौड़ रहा है। वहीं लोग इस छोटे से बच्चे की हिम्मत की दाद दे रहे हैं जिसने बढ़े लोगों को भी पीछे छोड़ दिया है। जब वेंकटेश से इस बारे में सवाल किया गया तब उसने जवाब दिया कि मुझे नहीं पता यह बहादुरी का काम था या नहीं। मैं तो केवल एंबुलेंस ड्राइवर की सहायता करना चाहता था।
કર્ણાટકના પૂરગ્રસ્ત વિસ્તારમાં એક 12 વર્ષીય બાળકે બહાદૂરીની જબરદસ્ત મિસાલ રજૂ કરી છે. પૂરમાં ડૂબેલ રસ્તા પર એક એમ્બ્યુલન્સને રસ્તો દેખાડ્યા બાદ આ બાળક લોકો વચ્ચે ચર્ચાનો વિષય બની ગયો છે.
#Ambulance #Karnataka #Venkatesh #KarnatakaFloods2019 #KarnatakaFloods #BraveBoy pic.twitter.com/NcCidThfVX
— VTV Gujarati News and Beyond (@VtvGujarati) August 15, 2019
एंबुलेंस के आगे-आगे दौड़ता रहा बच्चा
सूत्रों के मुताबिक यदि वेंकटेश वहां उस समय मौजूद नहीं होता तो एंबुलेंस पुल पर ही फंस सकती थी। क्योंकि पुल के ऊपर पानी का काफी ज्यादा तेज बहाव था। ऐसे में रास्ते का अनुमान लगाना बेहद मुश्किल काम था। लेकिन वेंकटेश एंबुलेंस के आगे-आगे दौड़ता रहा और एंबुलेंस उसके पीछे-पीछे आ गई। बस फिर क्या था ऐसे में वेंकटेश की मदद ने न जानें कितने लोगों की जान बचा डाली।
बता दें कि इन दिनों कर्नाटक में 60 लोगों की मौत हो गई है। बाढ़ से 22 जिलों के करीब 7 लाख लोग प्रभावित हैं। वहीं राज्य सरकार ने पीडि़तों के लिए 1000 से ज्यादा राहत शिविर उपलब्ध करवाएं हैं।