भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण हैं। संसार के पालन हारे का जन्मोत्सव कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। जन्माष्टमी हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। वैसे तो भगवान कृष्ण के कई सारे नाम हैं। कोई उन्हें लड्डू गोपाल कहता है तो कोई उन्हें बाकें-बिहारी,कोई नंदलाल,कान्हा तो कहीं वो गिरधारी।
लेकिन इन सभी नामों के जपने का फल भी तभी माना जाता है जब आपके लड्डू गोपाल का मन पूरी तरह से तृप्त हो जाए। आपने कान्हा जी के किस्से तो कई सारे सुने होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप भी अपने नंदलाल को चुटकियों में प्रसन्न कर सकते हैं।
जैसा की हम सभी जानते हैं कि इस बार देशभर में 23 और 24 अगस्त दोनों दिन कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है। मान्यता है कि यदि जन्माष्टमी के खास दिन पर भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाया जाए तो भगवान खुश होते हैं।
लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में ऐसा कर पाना थोड़ा मुश्किल सा हो गया है। ऐसे में सबके मन में एक सवाल आता है कि भगवान श्रीकृष्ण को भोग में ऐसा क्या खिलाएं जिससे वो प्रसन्न हो जाएं और 56 भोग बनाने वाली परेशानी से आसानी से बाहर निकल सकें।
श्रीकृष्ण को माखन मिश्री का भोग लगाने के पीछे की वजह
पौराणिक कथाओ के मुताबिक बाल-गोपाल को माखन यानि मक्खन खाना सबसे ज्यादा पसंद था। इतना ही नहीं उनके माखन खाने के पीछे तो एक बार उनकी मां यशोदा ने उन्हें दंड भी दे दिया था। कान्हा जी तो मक्खन खाने के इतना ज्यादा शौकीन थे कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर मक्खन चुराया करते थे। इसी वजह से उन्हें माखन चोर भी कहा जाता था।
ऐसा कहा जाता है कि मैया यशोदा अपने हाथों से कान्हा जी को माखन मिश्री का भोग लगती थी। इसलिए अगर आप भी कान्हा जी को जन्माष्टमी के दिन प्रसन्न करना चाहते हैं तो उन्हें आप इस जन्माष्टमी पर ताजे माखन मिश्री का भोग लगाएं।
इस तरह तैयार करें माखन मिश्री का भोग
पहले दूध को अच्छी तरह से उबाल कर हल्का ठंडा कर लें। इसके बाद दूध में एक चम्मच दही को अच्छी तरह से मिक्स कर लें। अब जब तक इस दूध को रखा रहने दें जब तक कि ये दही में तब्दील न हो जाएं। अब इस दही को ठंडा होने के लिए फ्रिज में रख दें।
अब इस दही को जार में डालकर एक गिलास ठंडे पानी या बर्फ के टुकडे डालकर फेंटे। इसके बाद मिक्स और माखन दोनों अलग हो जाएगा। मक्खन को अलग करके इसमें मिश्री के कुछ दाने डाल लें। अब कान्हा जी के लिए उनका सबसे पसंदीदा ताजा माखन-मिश्री का भोग तैयार है।