कोरोना महामारी के चलते इस समय सभी लोगों ने एक-दूसरे से पूरी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया हुआ है। लेकिन इस बीच कोई बहादुरी से आगे खड़ा हुआ है वो कोई और नहीं बल्कि डॉक्टर्स और नर्स है। ऐसी ही एक मिसाल पेश कर रही हैं 55 वर्षीय नर्स मुदगली। जो इन दिनों तिर्की गांव वालों की सेवा करने में जुटी हुई हैं। वहीं एक गांव रिमोट एरिया में है जिसके लिए वो जंगल का रास्ता पार कर उनकी मदद करने पहुंचती हैं।
जाती हैं जरूरत का सामान देने
ये महिला कोरोना काल में ही नहीं बल्कि बीते 10 सालों ऐसा नेक काम करने में जुटी हुई हैं। ये नर्स छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के सूर गांव के लोगों को यह तमाम सेवाएं प्रदान करती हैं। यहां तक कि इलाके में गांव वालों को दवा के साथ-साथ अन्य जरूरत की चीजें भी देने हफ्ते में दो बार वो गांव जाती हैं।
वैसे कोई गांव जाना भी आसान काम नहीं है,बावजूद इसके यह नर्स खुद घना जंगल पार करके वहां तक पहुंचती हैं। इतना ही नहीं कोरोना महामारी के बीच भी उन्होंने अपना गांव जाना नहीं रोका और लोगों के लिए जरूरी सामान पहुंचाती रही। दवाओं से लेकर बच्चों के लिए दलिया-सूजी सब वो लेकर आती हैं। मुदगली कहती हैं कि उनके लिए ये यात्रा अकेले करना मुश्किल है। इसलिए उनके साथ पुरुष कर्मचारी भी जाते हैं।
बीमार व्यक्ति को तुरंत अस्पताल लेकर जाना
मुदगली की एक और ख़ास बात यह है कि यदि गांव में कोई भी बीमार हो जाये तो वह उसे फौरन अस्पताल लेकर जाती हैं। इतना ही नहीं गांव में कई महिलाओं की डिलीवरी उन्होंने ही करवाई है। यहां तक कि इतने सालों से गांव की सेवा करने के बाद गांव के लोग भी उन्हें अपना ही मानते हैं।