कोरोना वायरस ने चीन समेत दुनिया के आधे से ज्यादा देशों में अपने पैर पसार लिए हैं। ऐसे में इस जनलेवा वायरस को लेकर कई तरह के शोध भी किए जा रहे हैं। हाल ही में वुहान के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस से संक्रमित 2173 लोगों पर अध्ययन किया है। दरअसल इसमें पाया गया है कि कुछ-कुछ ब्लड ग्रुप के लोगों में ये वायरस जल्दी से आ रहा है,जबकि दूसरे ब्लड ग्रुप के लोगों को यह इतना ज्यादा प्रभावित नहीं कर रहा है।
एक ब्रिटिश रिपोर्ट के मुताबिक हुबेई प्रांत के तीन अस्पतालों में भर्ती हो रखे कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों में करीब 206 लोगों की मौत हुई थी। इस बीच चौंका देने वाली बात यह है कि इनमें 85 लोगों का ब्लड गु्रप ए था। शोधकर्ताओं में 2173 संक्रमित लोगों पर हुई रिसर्च में करीब 38 प्रतिशत लोग ए ब्लड ग्रुप वाले हैं।
इसी कड़ी में सबसे कम प्रभावित होने वालों में से ब्लड ग्रुप ओ के लोग हैं। इनमें केवल 26 प्रतिशत लोग ही ऐसे हैं जो कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। वहीं चीन के तियानजिन स्थित स्टेट की लेबोरटी ऑफ एक्सपेरिमेंटल हीमैटोलॉली के वैज्ञानिक गाओ यिंगदाई का कहना है कि यह रिसर्च कोरोना के इलाज ढूढंने में मदद करेगी।
वैज्ञानिकों का कहना है कि पहले भी एक जानलेवा बीमारी तेजी से फैली थी। जिसका नाम सार्स-सीओवी2 था। उस समय भी कुछ ऐसा ही था जब ब्लड ग्रुप ओ के लोग कम बीमार हुए थे,जबकि बाकी ब्लड ग्रुप वाले लोग इस बीमारी से काफी ज्यादा प्रभावित थे।
इस वजह से वैज्ञानिकों का भी यही कहना है कि ब्लड ग्रुप ए वालों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है,मगर ध्यान रहे दूसरे ब्लड ग्रुप के लोग इस बीमारी को जरा हलके में नहीं लें।
क्योंकि जरा सी की गई लापरवाही की वजह से आपकी जान आफत में पड़ सकती है। बता दें कि इस वक्त दुनिया भर में कोरोना वायरस की चपेट में 187,725 लोग संक्रमित हो रखे हैं,जबकि इनमें मारने वालों की संख्या 7822 है।