देहरादून : हाईकोर्ट के आदेश के बाद 23 निकायों के सीमा विस्तार को लेकर नए सिरे से मांगी गई आपत्तियों और इसके निस्तारण को लेकर सरकार अधिक सक्रिय हुई है। साथ ही उसने निकाय चुनाव के लिए रास्ता भी निकाल लिया है। सरकार का कहना है कि वह अप्रैल के आखिरी हफ्ते में प्रस्तावित चुनाव के मद्देनजर चुनाव कार्यक्रम दो अप्रैल तक राज्य निर्वाचन आयोग को सौंप देगी। बता दें कि आयोग ने यह समय पहले ही तय कर दी थी। इस अवधि के भीतर संभावित कार्यक्रम न मिलने की दशा में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात भी आयोग ने कही है। प्रदेश में नगर निकायों का कार्यकाल मई में खत्म हो रहा है।
तीन मई से पहले नए निकायों का वजूद में आना जरूरी है। लिहाजा, अप्रैल में चुनाव कराने आवश्यक हैं। इस बीच निकायों के सीमा विस्तार को लेकर कई लोग कोर्ट चले गए, जिससे निकाय चुनाव पर भी असमंजस गहराने लगा था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने 23 निकायों के सीमा विस्तार व गठन से संबंधित पूर्व में जारी अधिसूचनाओं को निरस्त कर नए सिरे से आपत्तियां मांगी। अब इनका निस्तारण अंतिम चरण में है और संभव है कि जल्द सभी जिलों से इस बारे में रिपोर्ट निदेशालय को मिल जाएंगी। इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने सरकार से अपेक्षा की कि वह दो अप्रैल तक निकाय चुनाव का कार्यक्रम उसे उपलब्ध करा दे।
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुबद्र्धन का कहना है कि यदि इस अवधि में कार्यक्रम नहीं मिलता है तो जरूरत पड़ने पर हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जा सकता है। वहीं, इस सबको देखते हुए सरकार ने रास्ता निकाल लिया है और चुनाव समय पर ही कराने की तैयारी कर ली है। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक के अनुसार दो अप्रैल तक आयोग को चुनाव कार्यक्रम सौंप दिया जाएगा। इस बीच चार-पांच दिन के भीतर 23 निकायों के सीमा विस्तार की अधिसूचना, निकायों में आरक्षण व आपत्तियों का निस्तारण आदि कर लिया जाएगा। प्रदेश में नगर निकायों की संख्या 92 है, लेकिन अप्रैल में चुनाव 86 में होने की संभावना है। असल में बदरीनाथ, केदारनाथ व गंगोत्री में चुनाव नहीं होते, जबकि भतरौंजखान, रुड़की व बाजपुर में कोर्ट का स्टे है।
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