किन्नरों का इतिहास भारत में कुछ खास अच्छा नहीं है। समाज में किन्नरों के प्रति नजरिया बहुत ही अलग है। जबकि उनको अलग से पुराणों और ग्रथों में जगह दी गई है। समाज के बाकी समुदाय की तरह किन्नरों का समुदाय बिल्कुल भी आम नहीं है। हालांकि इनके रीति-रिवाज बहुत ही खास होते हैं।
अक्सर देखा गया है कि लोगों के अंदर किन्नरों के वर्ग को जानने की उत्सुकता बहुत होती है। किन्नरों से जुड़े कुछ 10 रहस्यों के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। इन रहस्यों को जानने के बाद आपको हैरानी जरूर होगी। चलिए जानते हैं इनके रहस्यों के बारे में-
1. यह तो हम सब जानते हैं कि आम लोगों की शवयात्रा दिन में निकलती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब किसी किन्नर की मौत हाेती है तो उसकी रात को शवयात्रा जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कोई भी आम इंसान किन्नरों की शवयात्रा का साक्षी न बन सके।
2. किन्नरों की शवयात्रा में उनके समुदाय के अलावा समाज के दूसरे समुदाय का कोई भी व्यक्ति शामिल नहीं होना चाहिए ऐसा भी एक नियम इनके समुदाय में है।
3. किसी भी किन्नर की शवयात्रा में उसके साथी शोक नहीं मानते हैं क्योंकि उनका मानना है कि उन्हें इस नर्क भरे संसार से छुटकारा मिल गया।
4. बता दें कि किन्नर के शव को जलाते नहीं बल्कि दफनाते हैं। हालांकि यह हिंदू धर्म को मानते हैं।
5. किन्नरों के गुरु मुस्लिम होते हैं लेकिन हिंदू धर्म की इनकी सारी परंपराएं होती हैं।
6. जब कोई नया किन्नर इनके समुदाय में आता है तो उसका भव्य तरीके से स्वागत करते हैं।
7. जिस तरह से समाज के बाकी समुदाय में शादियां होती हैं उसी तरह से किन्नरों की भी शादी करते हैं। किन्नरों की शादी भगवान से होती है इसलिए यह बहुत ही खास होती है।
8. किन्नर अपने पूरे जीवन में एक ही दुआ मांगते हैं कि उन्हें अगले जन्म में भगवान किन्नर पैदा न करें।
9. बता दें कि हर किन्नर का गुरु होता है और अपने शिष्य के बारे में गुरु को सारी जानकारी पता होती है। इतना ही नहीं उस गुरु को यह भी पता होता है कि उसके शिष्य की कब मृत्यु हो जाएगी।
10. मुगल सम्राज्य में अहमियत किन्नर समाज को सबसे पहले मिली थी। किन्नरों को अपने समाज का मुगल सम्राज्य अहम हिस्सा मानते थे। समाज में थर्ड जेंडर का दर्जा किन्नरों को दिया गया है लेकिर अपने अस्तित्व के लिए आज भी उनकी लड़ाई जारी है।