हिंदू धर्म में किसी भी धार्मिक कार्यों में कच्चे चावलों को उपयोग विशेषतौर पर किया जाता है। मान्यता है कि विधि-विधान से पूजा करते समय चावलों का उपयोग करना अति आवश्यक होता है। शास्त्रों में भी बताया गया है पूजा-पाठ मे चावलों का उपयोग करना बेहद फायदेमंद होता है। बता दें कि चावलों को अक्षत भी कहा जाता है। तो आइए जानते हैं कि पूजा करते समय कच्चे चावलों को आखिर क्यों इस्तेमाल में लाया जाता है और इससे क्या-क्या फायदे होते हैं।
1.चावालों को पूर्णत: का प्रतीक माने जाने की वजह से धार्मिक कार्यों में इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही चावलों का सफेद रंग शांति का प्रतीक माना जाता है।
2.आपको पूजा करते समय इस बात का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए कि आपको किसी भी पूजा कार्य में टूटे हुए चावलों का इस्तेमाल नहीं करना है। ऐसे में आप जब भी पूजा के समय चावल लें तो साबुत चावल ही लें।
3.टूटे हुए चावलों को पूजा में इसलिए उपयोग में नहीं लाया जाता क्योंकि ये पूर्ण नहीं माने जाते हैं ऐसे में इनका प्रयोग करने से आपको फायदा होने के बदले नुकसान झेलना पड़ सकता है।
4.बता दें कि अन्न में चावलों को सबसे श्रेष्ठ माना जाता है इन्हें भगवान को अर्पण करने से सदैव आपके ऊपर देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।
5.माता लक्ष्मी जी को चवाल और हल्दी मिलाकर चढ़ाना शुभा होता है। ऐसा करने से जल्दी ही पैसों की परेशानी से निजात मिल जाता है।
6.पूजा-पाठ के अलावा भी चावलों का दान करना काफी शुभ माना जाता है। अक्षत का दान करने वाले लोगों को कुंडली में चन्द्र दोष से छुटकारा मिलता है।
7.आपकी मनोकामना पूरी हो जाने के बाद शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी को अर्पण करने के बाद सामथ्र्य अनुसार चावलों का दान करने से लाभ मिलता है।
8.आपको बता दें कि अगर आप नौकरी और व्यापार के क्षेत्र में जल्दी सफलता पाना चाहते हैं तो आपको पक्षियों को चावल खिलाने चाहिए। ऐसा करने से आपके सभी रुके हुए काम भी पूरे हो जाएंगे।
9.सोमवार के दिन भगवान शंकर की विधि-विधान से पूजा करने के बाद किसी गरीब को चावलों का दान करना चाहिए ऐसा करने से जातक को भगवान शिव कृपा मिलती है।
10.चावलों का दान करने से मनुष्य को शत्रु बाधाओं से संबंधित परेशानियों से जल्दी ही छुटकारा मिल जाता है साथ ही उसका जीवन दोष रहित बन जाता है।