ग्रहों का हमारे जीवन में बहुत प्रभाव पड़ता हैे। कई बार ग्रहों के दुष्प्रभाव के कारण जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ग्रहों के दुष्प्रभाव के कारण इंसान गलत राह पर चला जाता है। कुंडली में जिन ग्रहों का प्रभाव होता है, उसी के अनुसार हमारी अच्छी या बुरी आदतें हो जाती हैं या हमारी आदतों के अनुसार हमारे ग्रह कमजोर या मजबूत होते होते जाते हैं।
कई बार ऐसा भी होता है कि न चाहते हुए भी विचार और व्यवहार खराब हो जाता है। ऐसे में रत्नों के इस्तेमाल से बुरी आदतों से छुटकारा पा सकते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का बड़ा महत्व होता है। रत्न बेहद चमत्कारिक और लाभकारी होते हैं। नौ ग्रहों के लिए नौ अलग-अलग रत्न हैं और इन्हें राशियों के अनुसार धारण किया जाता है। हालांकि रत्न धारण करने से पहले किसी विद्वान ज्योतिषी से सलाह अवश्य ही लेनी चाहिए।
मैलाकाइट दूर करेगा नशे की लत: यदि आप बार बार नशा करते हैे और चाह कर भी इस आदत को छोड़ नहीं पा रहे तोआप मैलाकाइट रत्न धारण कर इन आदतों से निजात पा सकते हैं।
कुंडली में मंगल या सूर्य कमजोर होने से ऊर्जा कम हो जाती है। ऐसे में इंसान आसली और लापरवाह हो जाता है। इन बुरी आदतों को दूर करने में गार्नेट रत्न लाभकारी साबित होता है। इस रत्न को सोने या तांबे की अंगूठी में दाहिने हाथ की अनामिका उंगली में रविवार के दिन धारण करना चाहिए।
सोडालाइट रत्न की मदद से बुरी संगतियों से छुटकारा पाया जा सकता है। इस रत्न को चांदी की अंगूठी में बाएं हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए। इस रत्न को धारण करने का दिन शनिवार है।
क्रोध और वाणी पर नियंत्रण पाने के लिए सुनहला रत्न सबसे अच्छा होता है। इस रत्न को बृहस्पतिवार के दिन सोने या पीतल की अंगूठी में दाहिने हाथ ही तर्जनी उंगली में धारण करना चाहिए।
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य की महादशा चल रही होती है उसे रविवार के दिन रिंग फिंगर में माणिक्य रत्न को धारण करना चाहिए। रत्न पहनने के लिए सूर्योदय का समय सबसे सही समय रहता है।
कुंडली में मंगल की महादशा चलने पर व्यक्ति को मूंगा पहनना चाहिए। मूंगा पहनने के लिए मंगलवार का दिन शुभ माना गया है। मंगल के दिन शाम 5 के बाद इसे रिंग फिंगर में पहनना उत्तम है।