करॉना वायरस की शुरूआत चीन से होकर अब दूसरे देशों तक भी तेजी से फैल रही है। अब इस वायरस की चपेट में अमेरिका और भारत भी आ चुका है। करॉना जैसे खतरनाक वायरस से अभी तक तकरीबन 7783 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।जबकि चीन में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 170 पहुंच गया है।
डॉक्टरों के अनुसार यह बीमारी मिडल ईस्ट रेस्पाइरेट्री सिंड्रोम एंव सेवल एक्युट रेस्पाइरेट्री सिंड्रोम से बहुत मिलती हुई है। तो आइए आज हम आपको बताने वाले हैं करॉना वायरस क्या है और इसके लक्षण को कैसे पहचाने? साथ ही इसके बचाव के कुछ तरीके…
1.करॉना वायरस क्या है?
करॉना जैसे खतरनाक वायरस का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में परेशानी जैसी समस्या पैदा हो सकती है। वैसे इस वायरस को पहले कभी देखा भी नहीं गया है। सबसे पहले इस वायरस का संक्रमण पिछले साल दिसंबर के महीने में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। लेकिन अभी तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई भी टीका नहीं बना है।
2.इस वजह से फैला तेजी से…
भारतीय नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने बताया है कि यह वायरस मर्स और सार्स वायरस की तरह जानवरों से ही आ रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि पिछले साल किसी के सीफूड खाने से यह बीमारी इंसानों में तेजी से फैल रही है। ये एक आरएनए वायरस है। जो कोशिकाओं में मिलकर वायरस को बहुत तेजी से फैलाने का काम करता है। साथ ही इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित होती है।
3.इस वायरस के क्या हैं लक्षण?
इस वायरस के संक्रमण के फलस्वरूप बुखार,जुकाम,सांस लेने में परेशानी,नाक बहना और गले में खराश जैसी परेशानी हो रही है। यह खतरनाक वायरस तेजी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसके लिए काफी ज्याद सावधानी बरती जानी चाहिए।
4.इस वायरस से बचने के उपाय
वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जानकारी साझा की गई है कि करॉना वायरस से अपने बचाव के लिए हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं। खांसते और छीकते वक्त नाक और मुंह रूमाल या टिश्यू पेपर से ढककर रखें। ऐसे लोग जिन्हें कोल्ड और फ्लू की शिकायत है उनसे दूरी बनाकर रखें। अंडे और मांस का सेवन कुछ दिनों के लिए छोड़ दें साथ ही जंगली जानवरों के संपर्क में ना आएं।