जब लोगों को उनके मरे हुए नज़दीकी व्यक्ति सपने में नज़र आए तो इस दौरान होने वाला एहसास अपने आप में अनोखा और रहस्यमयी होता है। पूर्वजों को सपने में देखने से क्या होता है… कौन लोग होते है जो हमारे सपनों मे आते है? और क्यों ये हमारे सपनों मे आते है क्या कुछ कहना चाहते है, क्या ये लोग हमारे अपने ही होते है या कोई बुरी शाक्ति हमारे अपनों का रुप लेकर हमारे सपनों मे आती है।
सपनों की एक अलग ही दुनिया होती है।अकसर सपने में लोगों को अपने मृत परिजन दिखाई देते हैं। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि आप उनके बारे में हमेशा सोचते रहते हैं या फिर आप उन्हें अभी भी भूल नहीं पाएं हैं। लेकिन स्वप्न शास्त्र अनुसार मरे हुए लोगों के सपने में आने के और भी कई कारण होते हैं। क्योंकि सपने हमें भविष्य के बारे में कुछ संकेत देते हैं और हमारे चाहने वाले जो अब इस दुनिया में नहीं हैं वो हमें सपनों के माध्यम से कुछ बताने की कोशिश करते हैं।आज हम आपको बताएंगे की मरने के बाद हमारे सपनों में आने वाले लोग कौन होते है पितृ या प्रेत।
अनेकों पुराण यहां तक की गरुण पुराण में भी इस बात का लेख कि मरने के बाद आत्मा का क्या होता है, कब तक वो धरती पर रहती है।यदि हमारा अपना कोई मरने के बाद हमारे सपनों मे आ रहा है तो ये बात इस बात की ओर इशारा कर रही है कि मरे हुए व्यक्ति को मुक्ति नहीं मिली। वो मरने के बाद भी अपनी मुक्त नहीं हुआ। स्कंद पुराण के अनुसार ये व्यक्ति पितृ नहीं प्रेत है मरने के बाद जिसका जन्म अभी किसी भी योनि में नही हुआ। उसकी आत्मा ना हो स्वर्ग लोक गई है और ना ही नरक लोक। इनका हमारे सपनों मे आना इस बात कि ओर इशारा करता है कि इनकी मुक्ति में कहीं ना कहीं हमारे द्वारा कोई कमी रह गई है जिस कारण इन्हे जहां जाना था ये नहीं गए।
सपनों में इनका आना हमारे जीवन पर कई तरह के प्रभाव डालता है जैसे घर में रहने वाले लोग आर्थिक तंगी झेलते है। कोई ना कोई घर का सदस्य बीमार रहता है,परिवार के सदस्यों की तरक्की नहीं होती ,वंश आगे नहीं बढ़ पाता अकाल मृत्यु झेलनी पड़ती है। परिवार को कोर्ट कचरी के चक्कर लगाने पड़ते हैं ये परिवार समाज में अपना सम्मान खो देता है। घर मे रखे पेड़-पोधे कभी खिल नहीं पाते, बार-बार कबूतर अपना घोंसला बनाते हैं। अगर आप के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है तो आपके सपनों मे आने वाले आपके मृत व्यक्ति आपके पितृ नहीं प्रेत है।
ऐसे हालतों में परिवार के सदस्यों को मरने वाले सदस्य के लिए खास दिनों में पूजा अर्चना करवानी चाहिए। उनके नाम से दान -पुण्य करने चाहिए। तभी मरने वाले की आत्मा को शांति मिलेगी।