हिन्दू धर्म में सप्ताह का हर एक दिन किसी देवता या देवी को समर्पित है और उसी खास दिन भगवान का विधि विधान से पूजन भी किया जाता है। लेकिन जरूरी बात यह भी है कि उसी दिन खास मंत्रों, चालीसा और विशेष पाठ करने से भगवान जल्दी से प्रसन्न भी हो जाते हैं। इसी के साथ भगवान अपने भक्तों की सभी परेशनियां भी हल करते हैं और सभी मनोकामनाएं जल्द ही पूरी करते हैं।
आज यानी बुधवार को गणेश की पूजा-अर्चना करने का खास महत्व है। मगर अपने कभी सोचा है कि आखिर गणेश जी की पूजा करने के लिए विशेष दिन के तौर पर बुधवार ही क्यों है। अगर नहीं पता तो चलिए आज हम आपको बताएंगे आखिरकार बुधवार के दिन ही क्यों की जाती है गणेश पूजा और क्या है इसका महत्व…
इस दिन की विशेषता
बुधवार का दिन श्री गणेश का दिन माना जाता है। इस दिन को सौम्यवार भी कहा जाता है। बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। वहीं ज्योतिषियों की माने तो कहा जाता है इस दिन कोई भी काम शुरु करना शुभ होता है। बता दें ऐसे लोग जिनकी कुंडली में बुध कमजोर है,उन लोगों को बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
तो इसलिए बुधवार के दिन की जाती है गणेश पूजा
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक माता पार्वती की कृपा से जब श्री गणेश जी की उत्पत्ति हुई थी, तब उस समय भगवान शिव के धाम कैलाश में बुध देव उपस्थित थे। बुध देव की उपस्थिति की वजह से श्रीगणेश जी की आराधना के लिए वह प्रतिनिधि वार हुए यानी बुधवार के दिन गणेश जी पूजा का विधान बन गया।
बुधवार को क्या करें
गणेश जी की पूजा में दुर्वा की 21 गाठें चढ़ाएं। इस दिन गणेश जी को गुड़ और गाय के घी का भोग लगाएं। बाद में उसे गाय को खिला दें। आज के दिन गणेश जी को बूंदी के लड्डू और लाल सिंदूर अर्पित करें।