इन दिनों वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते देश के हालात कुछ सामान्य नहीं है। ऐसे में लॉकडाउन में फंसी एक गर्भवती महिला जब गांव से पैदल अस्पताल के लिए निकल गई तब उसे बीच रास्ते में लेबर पेन होना शुरू हुआ। उस दौरान वहां से एक पुलिस कांस्टेबल गुजर रहा था जिसके बाद उसने महिलाओं गांव की महिलाओं से सहायता की अपील की तब गर्भवती महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया। बता दें कि यह मामला मध्यप्रदेश के आदिवासी जिला अलीराजपुर का है।
दरअसल कोरोना वायरस की वजह से हर जगह लॉकडाउन का असर देखने को मिल रहा है। आज जब मध्यप्रदेश के अलीराजपुर में मसानी गांव की एक गर्भवती महिला हॉस्पिटल जाने के लिए जननी एक्सप्रेस या अन्य किसी साधन के लिए इंतजार करती रही तो उसे नहीं मिल पाया।
ऐसे में महिला पैदल ही हॉस्पिटल के लिए निकल ली, लेकिन बीच रास्ते में ही वह दर्द कि वजह से तड़पने लगी। तड़पती हुई महिला को गांव वाले देख रहे थे, लेकिन लॉकडाउन होने की वजह से कोई भी गांव की महिला गर्भवती के पास नहीं जा रही थी।
इस दौरान एक पुलिस कांस्टेबल मौके पर पहुंचा और उसने गावों की महिलाओं से प्रेग्नेंट महिला की सहायता करने के लिए कहा, पुलिस की बात मानकर कुछ महिलाएं मदद के लिए आगे आई और सड़क के किनारे गर्भवती महिला की डिलीवरी करवाई। जिसके बाद गर्भवती महिला को ठेला गाड़ी से खट्टाली गांव के उप स्वास्थ केंद्र ले जहां पर मां और नवजात दोनों स्वस्थ हैं।
दरअसल देशभर में 21 दिनों के लिए संपूर्ण लॉकडाउन की वजह से पुलिस सभी लोगों को घरों के अंदर रहने की सलाह दे रही है। लेकिन यह मामला कुछ ऐसा है जिसमें पुलिस कॉन्स्टेबल ने मानवीय संवेदना का परिचय दिया है।
अब पुलिस के आला अधिकारी भी ऐसे समय में गर्भवती महिला की मदद करने के लिए पुलिस कांस्टेबल की खूब तारीफ कर रहे हैं। इतना ही नहीं उन्हें नगद राशि देने की बात भी हो रही है।