कोरोना महामारी में लॉकडाउन होने पर किसी को सबसे ज्यादा परेशनी हुई तो वो कोई और नहीं बल्कि मजदूर वर्ग है। जिनका रोज का कामना और रोज का खाना है। हालांकि इस बीच लोगों ने कई मुसीबतों का सामना भी किया है। जिसको देख किसी का भी मन पसीज जाये। रास्ते में पैदल चल चलकर पैरों में छाले पड़ गए हैं,खाने के लिए किसी को एक वक्त का खाना तक नसीब नहीं हुआ। तो किसी ने साइकिल पर यह सफर पूरा किया, वहीं कहीं किसी औलाद ने अपने बुजुर्ग मां को घर से निकाल दिया। ऐसे में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलू थे। हाल ही में एक तस्वीर सामने आयी है जो यूपी के कानपुर की बताई जा रही है। दरअसल यहां एक महिला के पति की तबीयत ठीक नहीं होने के कारण। वो चले नहीं पा रहे थे,तो इस महिला पति को पीठ पर लादकर ले गई।
कोई और चारा नहीं था
यह मामला कानपुर सेंट्रल स्टेशन का हैं यहां पर एक महिला अपने पति को पीठ पर लादकर महाराष्ट्र को जाने वाली एक ट्रेन पर चढ़ते दिखाई दी। वहां किसी तरह का साधन भी नहीं था और पति चलने चल नहीं सकता तो ऐसे में इस महिला ने पति को अपनी पीठ पर ही बैठा लिया और प्लेटफॉर्म तक ले गईं।
नहीं है पति के दोनों पैर
एक रिपोर्ट में हुए खुलासे के मुताबिक ये पति पत्नी महाराष्ट्र के जलगांव का रहने वाले हैं। पति का नाम दीपक है। वो एक बिजली ठेकेदार के साथ काम करते थे। करीब डेढ़ महीने पहले ही एक हादसे में दीपक के दोनों पैर टूट गए। यहां तक कि अब वो अपने पैरों पर चल नहीं पा रहे हैं। हालांकि उनका प्लास्टर तो खुल गया है, मगर कुछ थोड़ी बहुत परेशानी की वजह से वो खड़े नहीं हो पा रहे हैं।
बता दें कि दीपक की पत्नी का नाम ज्योति है। अब जबसे दीपक चल नहीं पा रहे तो ज्योति ही उनका सारा काम कर रही हैं। इतना ही नहीं वो अपने पति को पीठ पर लादकर किसी भी काम के लिए बाहर ले जाती हैं। वहीं बीते मंगलवार को वह पुष्पक एक्सप्रेस से मुंबई के लिए रवाना हुए हैं।